Earth's Nearest Black Hole: ब्लैक होल स्पेस की वो जगह है जहांं फिजिक्स के सारे नियम बेअसर हो जाते हैं. ब्लैक होल में बेहद शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल होता है, जिसके खिंचाव से कोई भी नहीं बच सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रकाश भी इसमें प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है. ब्लैक होल अपने आसपास की सभी वस्तुओं को निगल जाता है. हालांकि, फिलहाल कोई भी ब्लैक होल हमारी धरती के इतना पास नहीं है कि हमें कोई खतरा हो! लेकिन फिर भी एक सवाल तो है यह भी बनता है कि सबसे पास वाला ब्लैक होल धरती के आखिर कितने पास है? खगोल वैज्ञानिकों ने इसका जवाब खोज निकाला है. उन्होंने पृथ्वी के सबसे करीब के ब्लैक होल को खोज निकाला है. 


कहां मिला है यह ब्लैक होल? 


रिसर्च जर्नल नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी में वैज्ञानिकों की इस स्टडी के नतीजे प्रकाशित हुए हैं. धरती के सबसे करीब मिला ब्लैक होल हमसे 1600 प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्तिथ ओफियूशस तारामंडल में है. यह धरती के सबसे पास खोजे गए पिछले ब्लैक होल से लगभग तीन गुना अधिक पास है. माना जाता है कि ब्लैकहोल अंतरिक्ष का सबसे खतरनाक पिंड होता है, लेकिन वैज्ञानिकों को मिलने वाला यह ब्लैक होल तारकीय श्रेणी का है. इसकी खोज के साथ ही खगोलविद और वैज्ञानिक इस चरम पिंड के विकास को समझने की कोशिश कर रहे हैं. 


सूर्य और धरती के बीच जितनी दूरी 


खगोल वैज्ञानिकों ने इंटरनेशनल जेमिनी के द्विज टेलीस्कोप में से ही एक टेलिस्कोप, हवाई के जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप का उपयोग किया है. उन्होंने इस ब्लैक होल के साथी पिण्ड की गतिविधियों का भी अवलोकन किया, यह पिंड सूर्य की ही तरह तारा था और ब्लैक होल का चक्कर लगाता है. इन दोनों के बीच की दूरी लगभग धरती और सूर्य के बीच की दूरी के बराबर है. 


सूर्य से 10 गुना अधिक भारी 


रिसर्चर्स ने जिस ब्लैक होल को धरती के सबसे पास देखा है, वह सूर्य से लगभग 10 गुना ज्यादा भारी है. खगोलविदों की इस खोज की खास बात है कि यह ब्लैक होल, मिल्की वे का सबसे पहला सुसुप्त तारकीयभार वाला ब्लैक होल है. खगोलविद कहते हैं कि हमारी मिल्की वे में इस तरह के करीब दस करोड़ ब्लैक होल होंगे.                        


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