मालदीव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है. सोशल मीडिया पर बायकाट मालदीव ट्रेंड कर रहा है. वहीं मालदीव की सैर का प्लान बना रहे सभी भारतीयों ने लक्षदीप का रुख कर लिया है. मालदीव के मंत्रियों का पीएम मोदी पर टिप्पणी करना वहां की सरकार को भारी पड़ गया है. वहीं इस देश की बात करें तो मालदीव श्रीलंका और भारत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. 26 प्रवाल द्वीपों का समूह मालदीव दुनिया के सबसे बिखरे हुए संप्रभु राज्यों में से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं मालदीव की कुल जनसंख्या में 97 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है. हालांकि मालदीव में जितने मुसलमान रहते हैं उससे ज्यादा मुसलमानों की आबादी भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में है.
उत्तर प्रदेश में हैं मालदीव से ज्यादा मुसलमान
मालदीव की बात करें तो वहां सवा लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. जिनमें 98 प्रतिशत मुसलमान हैं. जो कि सुन्नी हैं. वहीं इस देश में भारतीयों की बात करें तो यहां 27 हजार भारतीय रहते हैं. हालांकि यहां हिंदुओं की आबादी सिर्फ 0.29 प्रतिशत है. एक स्टडी के अनुसार 2011 के आंकड़ों की बात करें तो मालदीव में केवल 37 हिंदू रहते थे.
वहीं हम भारत के उत्तरप्रदेश की बात करें तो वहां 19 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है. जो संख्या के हिसाब से 3,84,83,967 करोड़ है. जहां मालदीव में कुल जनसंख्या ही सवा लाख है वहीं उत्तरप्रदेश में सिर्फ मुलमानों की आबादी तीन करोड़ से ज्यादा है. जिससे साफ पता चलता है कि उत्तरप्रदेश में मालदीव की अपेक्षा 100 गुना ज्यादा मुसलमान रहते हैं.
गैर मुस्लिम को नहीं मिलती नागरिकता
मालदीव मुस्लिम बहुल देश है. हालांकि बाहरवी शताब्दी में मालदीव हिंदू राजाओं के अधीन था. जिसके बाद ये बौद्ध धर्म का भी केंद्र रहा. यहां तमिल चोला राजा ने भी राज किया, लेकिन बाद में ये धीरे-धीरे मुस्लिम राज में बदल गया. अब इस्लाम ही मालदीव का शासकीय धर्म है. इस देश में अब एक गैर मुस्लिम मालदीव का नागरिक नहीं बन सकता. यदि किसी को मालदीव की सदस्यता लेनी है तो उसे मुस्लिम धर्म अपनाना अनिवार्य होता है.
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