Nepal Plane Crash: नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक विमान क्रैश हो गया है, प्लेन में सवार 19 लोगों में से 18 की मौत हो गई है. वहीं घायल पायलट कैप्टन एम. शाक्य को गंभीर हालत में अस्पताल में पहुंचाया गया है. बता दें कि प्लेन काठमांडू से पोखरा जा रहा था. प्लेन ने सुबह लगभग 11 बजे त्रिभुवन एयरपोर्ट से उड़ान भरी, जिसके कुछ ही समय के अंदर ये क्रैश हो गया. ये  9N-AME प्लेन सूर्या एयरलाइन्स का था. इस हादसे में मारे गए लोगों में से 17 सूर्या एयरलाइंस के ही स्टाफ थे, जबकि बाकी 2 क्रू मेंबर्स थे. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर सबसे ज्यादा प्लेन क्रैश की वजह क्या है? चलिए जानते हैं.


इस वजह से होते हैं सबसे ज्यादा प्लेन क्रैश


यूरोपियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी काउंसिल ने प्लेन क्रैश पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि 90 प्रतिशत प्लेन क्रैश का कारण टेक्निकल फाल्ट होता है. हालांकि बता दें ये रिपोर्ट 1996 की है, जिसमें प्लेन क्रैश होने का कारण तकनीक या फिर इंजन का फेल होना बताया जाता है.


क्यों होते हैं सबसे ज्यादा प्लेन क्रैश?


साल 1983 से 1999 के बीच बहुत ज्यादा प्लेन क्रैश की घटनाएं सामने आईं, जिसपर US National Transportation Safety Board ने एक रिसर्च भी की थी. इस रिसर्च में पाया गया है कि प्लेन क्रैश के दौरान 95 प्रतिशत संभावना होती है कि उसमें सवार यात्रियों की जान बच जाती है. इसमें से लगभग 55 प्रतिशत प्लेन क्रैश की घटनाएं सबसे गंभीर होती हैं. लेकिन इसके बावजूद भी यात्रियों की जान बच जाती है.


दुनिया में सबसे बड़े प्लेन क्रैश हादसों पर नजर डालें तो


आपको बता दें कि दुनिया के सबसे बड़ा प्लेन क्रैश 25 मई साल 1979 में हुआ था. इस दौरान अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 191 में लगभग 273 लोगों की मौत हो गई थी. इसके इतर दूसरा सबसे बड़ा प्लेन हादसा 3 जुलाई साल 1988 को हुआ था. इस घटना में लगभग 290 लोगों की मौत हुई थी.                                                                                                                                                


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