कैसे नियुक्त किए जाते हैं भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त, कौन लगाता है CEC के नाम पर अंतिम मुहर?
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के तरीके को लेकर सवाल खड़े किए हैं. आइए जानते हैं कि भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन कैसे होता है? इसके लिए क्या कानून है?

Next Chief Election Commissioner of India: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का लेकर बवाल मचा हुआ है. दरअसल, वर्तमान में मुख्य चुनाव आयोग (CEC) राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, इससे पहले सीईसी की नियुक्ति होनी है. मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल हुए.
इस बैठक के बाद उन्होंने चयन समिति को लेकर आपत्ति जताई है. कांग्रेस नेता का कहना है कि जब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस पर 22 फरवरी को सुनवाई हो सकती है, ऐसे में इस बैठक को नहीं होना चाहिए था. राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के तरीके को लेकर सवाल खड़े किए हैं. आइए जानते हैं कि भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन कैसे होता है? इसके लिए क्या कानून है? चयन करने वाली समिति में कौन-कौन शामिल होता है.
पहले इस तरह होती थी नियुक्ति
भारत में मुख्य चुनाव आयोग की नियुक्ति परंपरागत रूप से भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर की जाती है. नए कानून से पहले प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस की समिति मिलकर मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम तय करते थे, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाता था. हालांकि, 2023 में इन नियमों में बदलाव किया गया, जिसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया बदल गई. इसके तहत चीफ जस्टिस को मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था.
अब इस तरह होती है नियुक्ति
इस बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति नए मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम, 2023 के तहत होनी है. इसक कानून के तहत चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया में दो समितियां शामिल होती हैं. इसमें कानून मंत्री के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय खोज समिति, दूसरी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय चयन समिति. पहले कानून मंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए पांच नाम तय करती है, जिसे प्रधानमंत्री के पास भेजा जाता है. इसके बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा अनुमोदित एक केंद्रीय मंत्री शामिल होता है, मिलकर इन पांच नामों में से एक नाम तय करते हैं. हालांकि, इस चयन समिति को सूची से बाहर से भी चुनाव आयुक्तों का चयन करने का अधिकार है.
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