भारत की नई संसद काफी चर्चा में है. जहां एक ओर इसे लेकर राजनीति हो रही है जबकि दूसरी ओर इसकी भव्यता से जुड़े काफी तथ्य शेयर किए जा रहे हैं. नई संसद को लेकर कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. वहीं, सत्ता पक्ष इससे जुड़े तथ्य शेयर कर रहे हैं और बता रहे हैं कि नए संसद भवन के निर्माण कई रिकॉर्ड कायम हुए हैं. आपने भी नए संसद भवन की कई तस्वीरें देखी होंगी, जिसमें इसकी भव्यता दिखाई जा रही है. लेकिन, क्या आपने इन तस्वीरों में गौर किया है कि राज्यसभा के हॉल में रेड कारपेट है, जबकि लोकसभा वाले हॉल में ग्रीन कलर का कारपेट है.
आपको बता दें कि ये सिर्फ डिजाइन के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे भी एक लॉजिक है, जिस वजह से राज्यसभा में लाल और लोकसभा में हरे रंग का कारपेट है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर इसके पीछे क्या कारण है और किस वजह से हरे और लाल रंग का कारपेट बिछाया जाता है. जानते हैं इससे जुड़ी हर एक कहानी...
क्या नई संसद में हुई है ये व्यवस्था?
वैसे आपको बता दें कि ये व्यवस्था नई संसद में ही नहीं है, बल्कि पुरानी संसद में भी ऐसा ही था. पुराने संसद भवन में परिसर में लोकसभा में हरे रंग का कारपेट है और राज्यसभा में लाल रंग का कारपेट है. इसके बाद नए संसद भवन में भी इसे नहीं बदला गया है. नई संसद में काफी कुछ बदल गया है, लेकिन कारपेट को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है. तो सवाल ये है कि इन रंग की क्या कहानी है और क्यों इन रंग में बदलाव क्यों नहीं किया गया है.
लोकसभा के कारपेट का रंग क्यों है लाल?
संसद के दोनों सदनों का अलग महत्व है और दोनों सदनों के सदस्य चुने जाने की प्रोसेस भी अलग अलग है. लोकसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं और जनता उन्हें वोट देते हैं. वहीं, राज्यसभा के सदस्य जन प्रतिनिधि की ओर से चुने जाते हैं. बता दें कि लोकसभा सीधे जनता का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए इसे जमीन से जुड़े होने का प्रतीक बताने के लिए हरे रंग का इस्तेमाल किया जाता है. जमीनी स्तर यानी कृषि आदि को हरे रंग से डिफाइन किया जाता है, इसलिए हरे रंग का इस्तेमाल लोकसभा में होता है.
राज्यसभा के कारपेट का रंग हरा क्यों?
इसके अलावा, राज्यसभा में सदस्य विधायकों द्वारा चुने जाते हैं और उनके वोट से लेकर उनकी गिनती की अलग प्रोसेस है. माना जाता है कि लाल रंग राजसी गौरव का प्रतीक है और राज्यसभा को भी जनप्रतिनिधि के अलावा स्पेशल सदस्यों वाला माना जाता है. इसलिए इसमें लाल रंग का कारपेट राज्यसभा में काम में लिया जाता है.
ये भी पढ़ें- UPSC में सेलेक्ट तो 933 हुए हैं... लेकिन IAS अफसर सिर्फ इतने लोग ही बन पाएंगे!