निठारी कांड के 'राक्षसों' को थी ये बीमारी, जिसमें लाश के साथ संबंध बनाने की आदत पड़ जाती है!
Nithari Kand Story: निठारी कांड में आए हाईकोर्ट के फैसले से एक बार फिर इस सीरियल मर्डर की दास्तां चर्चा में है. कई रिपोर्ट्स में इस केस के बारे में बताया जा रहा है.
नोएडा का चर्चित सीरियल मर्डर केस 'निठारी कांड' एक बार फिर खबरों में है. दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला देते हुए निठारी कांड के आरोपियों मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद निठारी कांड से जुड़े कई पहलुओं का जिक्र हो रहा है. कई लोग इस कांड में दोषी लोगों की मानसिकता पर सवाल भी उठा रहे हैं, जिसका कारण है एक बीमारी. दरअसल, ये ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान बच्चों को खाने लगता है और लाश के साथ रेप करने लगता है.
ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये कौनसी बीमारी है, जिससे निठारी कांड के आरोपी ग्रसित बताए गए थे और इस बीमारी में मरीज किस तरह की हरकतें करने लगता है. तो जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी हर एक बात...
कौनसी है ये बीमारी?
बता दें कि इस केस में सुरिंदर कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को रेप और कत्ल के मामलों में दोषी माना गया था. पुलिस जांच में सामने आया था कि 19 महिलाओं के साथ रेप किया गया था और उनकी हत्या की गई थी. साथ ही शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए थे. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस जांच में कोली ने नरभक्षण और नेक्रोफिलिया की बात कबूल की थी. इसका मतलब है कि कोली नेक्रोफिलिया जैसी बीमारी से ग्रस्त था और कई रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी. हालांकि, बाद में वो इस बयान से पटला भी था.
इस बीमारी में क्या होता है?
नेक्रोफिलिया एक ग्रीक शब्द है और ये नेक्रो-फिलिया का मेल है. इसमें नेक्रो का मतलब मरे हुए से है और फिलिया का मतलब दोस्त या आकर्षण से है. ऐसे में इसे शव के प्रति आकर्षण के लिए यूज किया जाता है. मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, नेक्रोफिलिया एक दिमागी बीमारी है और इस बीमारी में मरीज कई तरह की विकृतियों का आदी होता है. वैसे ये काफी रेयर डिसीज है और कई रिपोर्ट में तो ये भी कहा गया है कि ये बीमारी 10 लाख में से एक शख्स को होती है.
अब बात करते हैं कि जब किसी को ये दिक्कत होती है तो वो क्या करता है. हेल्थ जानकारों के आधार पर कई रिपोर्ट में लिखा गया है कि इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति डेड बॉडी के साथ भी संबंध बनाता है और उसे इसे बारे में पता भी नहीं होता है. इस बीमारी के होने के कारणों पर अभी भी रिसर्च जारी है और इसे होने के कई तरह के कारण बताए जाते हैं, जिसमें फ्रस्टेशन आदि शामिल है.
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