यात्री विमानों को बम से उड़ाने की धमकी लगातार मिल रही है. रविवार को 25 यात्री विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग सिर्फ इसलिए करानी पड़ी, क्योंकि उन्हें बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी. बीते 7 दिनों की बात करें तो लगभग 90 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है और ये सिलसिला लगातार जारी है.
इमरजेंसी लैंडिंग से ना सिर्फ यात्री परेशान हो रहे हैं, बल्कि उनके भीतर असुरक्षा की भावना भी पैदा हो रही है. चलिए आज इस आर्टिकल में जानते हैं कि किसी प्लेन को क्या सिर्फ बम की धमकी मिलने पर भी इमरजेंसी लैंडिंग कराई जाती है या किसी और परिस्थिति में भी ऐसा होता है.
किन परिस्थितियों में होती है इमरजेंसी लैंडिंग
एयरलाइन इंडस्ट्री में सुरक्षा सर्वोपरि होती है और किसी भी आपातकालीन स्थिति का तुरंत समाधान निकालना जरूरी होता है. ऐसे में जब भी कोई प्लेन किसी ऐसे संकट का सामना करता है जिसमें यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है तो विमान को तुरंत इमरजेंसी लैंडिंग कराई जाती है. चलिए अब जानते हैं कि बम की धमकी के अलावा और किन-किन परिस्थितियों में इमरजेंसी लैंडिंग कराई जाती है.
इन परिस्थितियों में भी ऐसा होता है
इंजन में प्रॉब्लम
अगर प्लेन के इंजन में कोई तकनीकी खराबी आती है, जैसे एक इंजन बंद हो जात है या इंजनों में से कोई असामान्य आवाज आती है तो पायलट को तुरंत इमरजेंसी लैंडिंग कराना पड़ सकता है.
इलेक्ट्रिकल फेल्योर
इंजन में प्रॉबल्म के अलावा प्लेन की इलेक्ट्रिकल सिस्टम में अगर कोई खराबी आती है, जैसे- कि नेविगेशन लाइट्स का काम करना बंद कर देना तो भी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ सकती है. अगर ऐसा ना किया जाए तो पायलट को सही दिशा में लैंडिंग कराने में कठिनाई हो सकती है.
पायलट की हेल्थ कंडीशन
प्लेन की टेक्निकल समस्या के अलाव पायलट के हेल्थ कंडीशन की वजह से भी इमरजेंसी लैंडिंग कई बार करा दी जाती है. इसे ऐसे समझिए कि अगर किसी पायलट को अचानक दिल का दौरा पड़ जाए या उसकी तबीयत इतनी खराब हो जाए कि वह होश में ना रहे तो सह-पायलट को विमान को सुरक्षित तरीके से उतारने के लिए इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ती है.
मौसम की खराबी
अगर कभी प्लेन को अचानक से भारी बारिश, बर्फबारी या तेज हवाओं का सामना करना पड़े तो पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ सकती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि खराब मौसम की स्थिति में इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लेना ना केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी होता है, बल्कि विमान के नुकसान को भी रोकता है.
फ्यूल की कमी
अगर यात्री विमान में फ्यूल किसी तकनीकी समस्या की वजह से खतरे के स्तर तक पहुंच जाए यानी तेजी से खत्म होने लगे तो पायलट को सुरक्षित स्थान पर उतरने के लिए इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला करना पड़ता है.
इमरजेंसी लैंडिंग की प्रक्रिया क्या होती है
ऐसा नहीं है कि इमरजेंसी लैंडिंग का फैसल पायलट अपने आप से ले लेता है. इसके लिए एक प्रक्रिया को फॉलो करना होता है. जैसे- अगर किसी पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी है तो वह पहले एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से संपर्क करता है और स्थिति की जानकारी देता है. इसके बाद एटीसी स्थिति की गंभीरता को समझता है और पायलट को सहायता करता है और सुरक्षित लैंडिंग के लिए निर्देश देता है. इमरजेंसी लैंडिंग से पहले पायलट इसकी जानकारी यात्रियों और क्रू को भी देता है ताकि पैनिक की स्थिति ना हो.
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