जोशीमठ ही नहीं...आने वाले सालों में गायब हो जाएगा एक और शहर, हर साल जमीन में 25 सेंटीमीटर धंस रहा है
जिस शहर कि हम बात कर रहे हैं वह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता है, जहां लगभग एक करोड़ लोग रहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि जकार्ता हर साल 25 सेंटीमीटर जमीन में धंस रहा है.
जोशीमठ को लेकर इस समय पूरे देश में खूब हो हल्ला मच रहा है. वहां की जमीन लगातार धंस रही है, जिसकी वजह से वहां के घरों में दरारें पड़ रही हैं. ये दरारें इतनी भयावह हैं कि अब लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि जोशीमठ की तरह ही एक ऐसा शहर है जो हर साल लगभग 25 सेंटीमीटर जमीन के अंदर धंस रहा है और जिसके बारे में कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में वह पूरी तरह से गायब हो जाएगा. इस शहर में इस वक्त एक करोड़ से भी ज्यादा लोग रहते हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि साल 2050 तक यह शहर पूरी तरह से दलदल में समा जाएगा और उसके बाद समुद्र से अपनी आगोश में ले लेगा.
कौन सा है वह शहर
जिस शहर कि हम बात कर रहे हैं वह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता है, जहां लगभग एक करोड़ लोग रहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि जकार्ता हर साल 25 सेंटीमीटर जमीन में धंस रहा है. दरअसल, यह पूरा शरीर दलदली जमीन पर बसा है और अब यह उसी दलदल में धंस रहा है. दूसरी बड़ी वजह ये है कि इस दलदली जमीन के आसपास और इसके नीचे से लगभग 13 नदियां निकलती हैं और इस शहर के किनारों पर जावा सागर की लहरें भी हमेशा टकराती रहती हैं, जिसकी वजह से लगातार जमीन का कटाव हो रहा है.
डूब जाएगा 95 फीसदी शहर
वैज्ञानिकों की मानें तो साल 2050 तक इस शहर का लगभग 95 फीसदी हिस्सा पानी में डूब जाएगा. यही वजह है कि इस शहर से लगातार लोगों का पलायन हो रहा है, अब लोग इस शहर में नए घर नहीं बना रहे हैं, बल्कि यहां इनवेस्ट करने की बजाय लोग दूसरे शहरों में अपने भविष्य का ठिकाना ढूंढने पर मजबूर हैं.
दुनिया के कई शहर तेजी से डूब रहे हैं
बात सिर्फ जकार्ता की नहीं है. समुद्र के किनारे बसे दुनिया के ज्यादातर शहर लगातार समुद्र की चपेट में आ रहे हैं. ग्लोबल वार्मिंग के चलते ग्लेशियर पिघल रहे हैं और लगातार समुद्र अपना क्षेत्रफल बढ़ा रहा है और इन शहरों में अपने पैर पसार रहा है. भारत में मुंबई शहर भी धीरे-धीरे समुद्र के करीब आता जा रहा है. इसके साथ ही दुनिया भर के कई और देश भी इसी राह पर हैं. अगर ग्लोबल वार्मिंग पर समय पर कोई बड़ा फैसला नहीं किया गया तो आने वाले समय में ये पूरी दुनिया पानी के अंदर समा जाएगी.
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