पूरे देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता हैै. इस दिन विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान, भारत का संविधान 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूूचियों के साथ लागूू किया गया था. जिसके चलते हर साल इस दिन को खासतौर पर पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके अलावा भी ये दिन क्यों खास है. यदि नहीं तो चलिए जान लेते हैं.


गणतंत्र दिवस के अलावा क्यों खास है 26 जनवरी?
गणतंत्र दिवस के अलावा 26 जनवरी को कुछ और ऐसी घटनाएं हुई थीं इस दिन जिन्हें याद किया जाता है. 


हुमायूं की मृत्यु
26 जनवरी 1956 को मुगल बादशाह हुमायूूं ने आखिरी सांस ली थी. दरअसल हुमायूं दीन पनाह नामक अपनी इमारत की लाइब्रेरी की छत पर बैठे थे. जिसे शेर मंडल के नाम से भी जाना जाता है. वो अपने दरबार के लोगों से कुछ बातचीत कर रहे थे इसी दौरान उन्होंने पड़ो की मस्जिद से मुअज्जिन की नमाज की आवाज सुनी. इसी दौरान जब वो शाम की प्रार्थना के लिए सीढ़ियों से उतरने लगे और फिसल गए. उनके सिर में गंभीर चोट लगने के चलते उनकी मौत हो गई.


पहले गवर्नर जर्नल ने इस्तीफा दिया
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जिन्हें राजाजी के नाम से भी जाना जाता है, स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल थे और आखिरी भी. दरअसल विभाजन के समय राजगोपालाचारी को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. जब जून 1948 में माउंटबेटन ने अपनेे पद से इस्तीफा दिया तो राजगोपालाचारी को येे पद दिया गया. इसके बाद जब 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागूू हुआ तो राजगोपालाचारी ने इस पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद बिस्मिल देश के पहले राष्ट्रपति बने थे.
 
पूर्व स्वराज दिवस की घोषणा
26 जनवरी 1930 को लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू द्वारा पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसे स्वतंत्रता संकल्प दिवस घोषित किया था. जिसके बााद 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस नाम दिया गया. 1931 से 1947 तक हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था, फिर जब 15 अगस्त 1947 की आधी रात देश को अंग्रेजों से आजादी मिली तब से इसी दिन स्वंतत्रता दिवस मनाया जाने लगा.


'अशोक स्तंभ' को राष्ट्रीय प्रतीक माना गया 
आज ही के दिन यानी 26 जनवरी 1950 को अशोक स्तंभ को भारत का राजकीय प्रतीक माना गया था. जो 250 ईसा पूर्व सारनाथ में अशोक स्तंभ केे ऊपर पाया गया था. बता दें भारत का राष्ट्रीय प्रतीक भारत गणराज्य की एक प्रतिनिधि मुहर है.


अमर ज्योति स्थापित की गई
आज ही के दिन दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर ज्योति स्थापित की गई थी. जो 1971 में भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों के स्मारक के रूप में 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्थापित की थी. बता दें कि 50 साल बाद इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की लौ को 21 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलीन कर दिया गया था.                                                 


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