लकड़ी से भी बन जाती है शराब! पढ़िए कैसे बनती है और पहली बार किसने बनाई
Alcohol from Wood: दरअसल, साल 1600 में जापान के ताहोका में एक सीदार नाम का पेड़ लगाया गया था. जिससे साल 1916 में सफेद रंग का तरल पदार्थ निकलने लगा. अब इसी तरल से अल्कोहल प्राप्त किया गया है.
Alcohol from Trees: अगर आप शराब पीते हैं या नहीं भी पीते हैं तो आज तक आपने गन्ना, अंगूर, मक्का, जौ, आलू, चावल आदि से बनी शराब के बारे में ही सुना होगा. ये शराब अलग-अलग प्रकार की होती हैं. जैसे व्हिस्की, वाइन, वोदका या बीयर आदि. लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि अब लकड़ी से शराब बनाने का तरीका भी खोज लिया गया है. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. दरअसल, ये दावा जापान के विशेषज्ञों की ओर से किया गया है. अगर यह दावा सही है तो दुनियाभर में शराब बनाने का प्रोसेस काफी बदल जायेगा.
साथ ही इसके कई और असर भी देखने को मिलेंगे. शायद इससे धरती पर जंगल लगाने की रफ्तार में भी इजाफा हो जायेगा. जिससे इससे शौकीन लोगों को अल्कोहल मिलेगा और वातावरण को भरपूर ऑक्सीजन मिलेगी.
जापान के विशेषज्ञों का दावा
बात दरअसल ऐसी है कि साल 1600 में जापान के ताहोका में एक सीदार नाम का पेड़ लगाया गया था. साल 1916 में इस पेड़ से अपने आप ही एक सफेद रंग का तरल पदार्थ निकलने लगा. इससे करीब 35 लीटर यह पदार्थ निकला. विशेषज्ञों ने इसी सफेद तरल पदार्थ से अल्कोहल बनाने का तरीका ढूंढा है.
पहले प्राप्त होता है मीथेनॉल
विशेषज्ञों के मुताबिक, सीदार और चेरी के पेड़ की लकड़ी से पहले मीथेनॉल प्राप्त होता है. हालांकि, यह पीने लायक नहीं होता है और शरीर के लिए नुकसानदायक होता है. इसका यूज पेंट प्लास्टिक और पेंट बनाने जैसे कामों में होता है. इसके अलावा, यह ईंधन बनाने में भी इस्तेमाल होता है.
लकड़ी से बनाई शराब
एक जापानी एक्सपर्ट ऑत्सुका ने पेड़ की लकड़ी से अल्कोहल (एथेनॉल) बनाने का तरीका ढूंढ निकाला है. एथेनॉल से बीयर, वोदका और वाइन आदि बनाए जाते हैं. लकड़ी से एथेनॉल प्राप्त के लिए ऑत्सुका ने एक विशेष तरीका अपनाया है. ऑत्सुका ने सबसे पहले लकड़ी को पीसकर उसका पेस्ट बना लिया. इसके बाद इस पेस्ट में एंजाइम और यीस्ट मिलाकर फर्मंटेशन कराया गया. जिसके बाद एक तरल पदार्थ प्राप्त हुआ, जिसमें 15 फीसदी एल्कोहल था. आसान भाषा में कहें तो एक लीटर तरल पदार्थ में पीने लायक 3.75 फीसदी अल्कोहल बना. अब जापान में लकड़ी से भी शराब बनाई जा रही है.