Maximum Number Of Paper Leak Cases: भारत में पेपर लीक होना बेहद आम सी बात लगने लगी है. आए दिन किसी न किसी परीक्षा के बाद पेपर लीक की खबर सामने आ जाती है. फिलहाल नीट पेपर लीक मामला सुर्खियों में है. सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई भी जारी है, इस बार नीट परीक्षा के बाद सामने आई पेपर लीक की खबर ने फिर इस मुद्दे को गरमा दिया है, जिसके बाद पिछले कुछ समय में हुए पेपर लीक के मामलों भी याद आ गए हैं.


पिछले कुछ समय में बड़ी से बड़ी परीक्षाएं पेपर लीक की चपेट में आ गई हैं. ऐसे में कभी परीक्षा होने के बाद उन्हें कैंसिल किया गया तो कभी हाई लेवल जांच कमेटी बैठी. पिछले 7 साल के आंकड़ें देखें तो इस समय में 15 राज्यों में लगभग 70 पेपर लीक के मामले सामने आए हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर देश में किस राज्य में सबसे ज्यादा पेपर लीक के मामले देखने को मिले हैं? चलिए जानते हैं.


सबसे ज्यादा इस राज्य में सामने आए पेपर लीक के मामले


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक पेपर लीक के मामले साल 2021 में सामने आए. इस साल 17 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए थे. इसके बाद साल 2019 में 9, 2020 में 12, 2022 में 11, 2023 में 12 और 2021 से अब तक 5 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं. ये पेपर लीक के मामले देश के 19 राज्यों के हैं.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सालों में सबसे ज्यादा पेपर लीक के मामले राजस्थान में सामने आए. जहां 7 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. इन परीक्षाओं के जरिये 40,590 पदों को भरा जाना था. इस वजह से 38,41,000 कैंडिडेट्स प्रभावित हुए.


दूसरे स्थान पर रहे दो राज्य


पेपर लीक मामले में तेलंगाना और मध्य प्रदेश का नाम राजस्थान के बाद दूसरे स्थान पर एकसाथ आता है. दोनों ही राज्यों में 5-5 पेपर लीक के मामले सामने आए हैं. तेलंगाना की इन भर्ती परीक्षाओं के जरिये कुल 3770 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन पेपर लीक हो जाने से 6,74,000 कैंडिडेट्स को परेशान होना पड़ा. वहीं मध्य प्रदेश की बात रें तो यहां भी कुल 5 पेपर लीक के मामले सामने आए, जिनके माध्यम से 3690 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन पेपर लीक हो जाने से 1,64,000 कैंडिडेट्स को परेशान होना पड़ा.


उत्तराखंड तीसरे नंबर पर


पेपर लीक के मामलों में उत्तराखंड को देश में तीसरा स्थान मिला है. उत्तराखंड में चार पेपरलीक के मामले सामने आए, इन परीक्षाओं के जरिये 1800 पदों पर भर्ती होनी थी. इन परीक्षाओं के लिए 2,37,000 कैंडिडेट्स ने फॉर्म भरा था, जो पेपरलीक हो जाने के चलते प्रभावित हुए.


गुजरात और बिहार का भी नाम शामिल


पेपर लीक के मामले में गुजरात और बिहार भी पीछे नहीं हैं. बिहार और गुजरात दोनों जगहों पर कुल तीन पेपर लीक के मामले सामने आए. जहां बिहार में 24,380 पदों के लिए परीक्षा हुई तो वहीं गुजरात में 5,260 पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित की गई थीं. बिहार में पेपर लीक हो जाने से बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स प्रभावित हुए. बता दें कि इस राज्य में लगभग 22 लाख 87 हजार कैंडिडेट्स को परेशानी का सामना करना पड़ा तो वहीं गुजरात में पेपर लीक हो जान के चलते लगभग 16 लाख 41 हजार के कैंडिडेट्स परेशान हुए. वहीं इस लिस्ट में पांचवे नंबर पर जम्मू और कश्मीर का नाम आता है, यहां कुल 3 पेपर लीक के मामले सामने आए जिसके माध्यम से 2,330 पदों पर भर्ती होनी थी.


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