दुनिया के बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष कहीं भी होते हैं, उनके साथ कुछ विशेष लोगों की एक टीम हमेशा साथ रहती है. इस टीम के पास एक ब्रीफकेस होता है, जिसे लेकर दावा किया जाता है कि उसमें परमाणु हमले का बटन है. अगर ये दब जाए तो कुछ ही मिनटों में परमाणु हमला हो जाए. चलिए आज हम आपको अमेरिका और रूस के परमाणु ब्रीफकेस के बारे में बताते हैं.


अमेरिका का परमाणु ब्रीफकेस


अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव संपन्न हो गए हैं. कमला हैरिस को हरा कर ट्रंप सुपर पावर अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप के हाथ में अमेरिका की सत्ता के साथ-साथ वो ब्रीफकेस भी आ गया है, जिसके एक बटन दबाने से किसी भी देश पर परमाणु हमला हो सकता है.


चलिए अब इस ब्रीफकेस की सच्चाई जानते हैं. ब्रूस ब्ला जो अमरीका के पूर्व मिसाइल लॉन्च अधिकारी थे, ने इस बारे में बीबीसी से बात की थी. इसमें उन्होंने बताया था कि कैसे वह और उनके साथी आदेश मिलने पर हम एक मिनट के अंदर परमाणु मिसाइल लॉन्च कर सकते थे.


आपको बता दें, अमेरिकी सिस्टम में परमाणु हथियार इस्तेमाल करने का आदेश केवल एक व्यक्ति दे सकता है और वो है देश का राष्ट्रपति. यही वजह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ जो स्पेशल टीम होती है, उसके पास हमेशा परमाणु ब्रीफकेस होता है. इसे न्यूक्लियर फुटबॉल भी कहा जाता है.


काले रंग का चमड़े का ये ब्रीफकेस दिखने में भले ही साधारण लग सकता है, लेकिन इसके अंदर ख़ास तरह के उपकरण लगे होते हैं. इससे एक आदेश मिलने पर मिनटों में ही परमाणु मिसाइल लॉन्च किए जा सकते हैं.


रूस का परमाणु ब्रीफकेस


दुनिया में परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा ज़खीरा रूस के पास है. फेडेरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस के पास 5977 परमाणु हथिया हैं. वहीं अमेरिका के पास 5428 और चीन के पास 350 परमाणु हथिया हैं. अब आते हैं अपने असली सवाल पर. इगोर सजेगेन हथियारों के जानकार हैं और वह रूस के रहने वाले हैं.


 उन्होंने वहां की सरकार के लिए काम भी किया है. बीबीसी से बात करते हुए इगोर कहते हैं कि अमरीका के न्यूक्लियर ब्रीफकेस की तरह रूस के राष्ट्रपति के पास भी न्यूक्लियर मिसाइलों के कोड वाला न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है. ये ब्रीफकेस हमेशा रूस के राष्ट्रपति के पास होता है. सोते वक्त भी यह ब्रीफकेस उनसे 10-20 मीटर के दायरे में ही रखा होता है.


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