आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें एक कॉलेज वॉशरूम में 300 लड़कियों के बिना उनकी जानकारी के अश्लील वीडियो बनाए गए. ये घटना तब उजागर हुई जब एक छात्रा को इसपर संदेह हुआ. हिडन कैमरा मिलते ही उसने तुरंत पुलिस को सूचित कर दिया. इस घटना ने न सिर्फ कॉलैज प्रशासन बल्कि सभी को चौंका दिया. ऐसे में चलिए जानते हैं कि भारतीय कानून के तहत इस जुर्म की क्या सजा होती है.


भारतीय कानून में क्या है सजा का प्रावधान?


इस प्रकार की गंभीर घटना के लिए भारतीय कानूनी प्रणाली में कई प्रावधान हैं जो अपराधियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान करते हैं.


भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354C और 354D - धारा 354C उस स्थिति के लिए है जब किसी व्यक्ति ने बिना अनुमति के किसी की नग्नता या निजी अंगों की फोटो या वीडियो ली हो. इसमें अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. वहीं धारा 354D पीछा करने और असभ्य तरीके से संपर्क बनाने के लिए है. ये अपराध भी जेल की सजा और जुर्माने से दंडनीय है.


सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धारा 66E और 67- धारा 66E किसी व्यक्ति के अश्लील तस्वीरें या वीडियो को साझा करने पर दंड देती है. इसमें अधिकतम 3 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है. वहीं धारा 67 अश्लील सामग्री के प्रकाशन और प्रसार से संबंधित है, जिसमें अधिकतम 5 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है.


भारतीय दंड संहिता की धारा 376- यदि वीडियो बनाने के साथ किसी प्रकार की यौन उत्पीड़न या बलात्कार की स्थिति होती है, तो धारा 376 के तहत दंडित किया जा सकता है, जिसमें उम्रकैद और गंभीर दंड हो सकता है.


कानूनी प्रक्रिया और पीड़ितों का समर्थन


इस प्रकार की घटनाओं में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस को तुरंत प्राथमिकी दर्ज करनी होती है और सबूत इकट्ठा करने होते हैं. पीड़ितों को भी कानूनी सहायता और मनोवैज्ञानिक समर्थन प्रदान किया जाता है. पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ इस तरह की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई करती हैं.                                                                                           


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