धरती पर पहाड़ कैसे बने इसके बारे में तो आपने कई बार पढ़ा होगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि धरती की सतह पर मौजूद विशाल समुद्र और महासागरों का निर्माण कैसे हुआ. एक्सपर्ट्स इस पर कई तर्क रखते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा करोड़ों वर्षों के भूवैज्ञानिक परिवर्तनों, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक घटनाओं के कारण हुआ है. चलिए आज आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.


सबसे पहले समझिए इतने बड़े गड्ढों का निर्माण कैसे हुआ


पृथ्वी पर बहुत बड़े गड्ढे जिन्हें हम क्रेटर या सिंकहोल के नाम से भी जानते हैं, कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण बने हैं. इनमें से एक बड़ा कारण उल्कापिंडों की टकराव है. दरअसल, जब बड़े उल्कापिंड पृथ्वी की सतह से टकराते हैं, तो वे गहरे गड्ढे बना देते हैं. इस टकराव से बहुत ज्यादा ऊर्जा पैदा होती है, जिससे पृथ्वी की सतह पर बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते हैं.


उदाहरण के तौर पर आप मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप पर स्थित चिक्सुलब क्रेटर देख सकते हैं. ये लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले बना था और डायनासोरों के विलुप्त होने का इसे भी एक बड़ा कारण माना जाता है.


अब समझिए गड्ढों में पानी कैसे भरता है


जब कोई बहुत विशाल उल्कापिंड धरती के किसी हिस्से से टकराता है तो भारी मात्रा में ऊर्जा और ऊष्मा उत्पन्न होती है. इसकी वजह से वहां बादल बनने लगते हैं और फिर भारी बारिश होती है. इसके अलावा जब बड़े गड्ढे बनते हैं तो उनमें धीरे-धीरे पानी इकट्ठा होने लगता है. इसके बाद धीरे-धीरे कई प्रक्रियाओं से गुजरते हुए ये गड्ढे समुद्र में परिवर्तित हो जाते हैं. वहीं जलवायु परिवर्तन के कारण, बर्फ का पिघलना और बारिश के दौरान अधिक जल का संचय होने से भी गड्ढों में पानी भरता रहता है.


समुद्र का पानी खारा कैसे हुआ


समुद्र का पानी खारा होने के पीछे कई कारण हैं. सबसे पहली वजह है बारिश के दौरान जब पानी धरती की सतह पर बहता है तो वह मिट्टी और चट्टानों से अलग-अलग खनिजों, जैसे सोडियम और क्लोराइड को अपने में घोल लेता है बाद में ये खनिज नदियों के माध्यम से समुद्र में पहुंचते हैं. इसके अलावा समुद्र का पानी गर्म होने पर वाष्पित होता है, लेकिन नमक और खनिज पानी में ही रह जाते हैं, जिससे पानी का खारापन बढ़ने लगता है.


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