Old name of Aligarh: इलाहाबाद के बाद उत्तर प्रदेश के एक और शहर अलीगढ़ का नाम बदल दिया गया है. सोमवार को अलीगढ़ नगर निगम ने सर्वसम्मति से अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने का प्रस्ताव पारित कर दिया. एएनआई ने बताया कि मेयर प्रशांत सिंघल द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का सभी पार्षदों ने समर्थन किया है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब यूपी में शहरों के नाम बदले गए हो, लेकिन अलीगढ़ कई मायनों में खास है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस शहर का काफी समृद्ध इतिहास रहा है. आज की स्टोरी में हम आपको इतिहास के पन्नों में दर्ज अलीगढ़ की वो कहानी बताएंगे, जो शायद आप अब तक नहीं जानते होंगे. तो चलिए शुरू करते हैं.
क्या है इतिहास?
अलीगढ़ का प्राचीन नाम कोइल या कोल था. लगभग 200 साल पहले अलीगढ़ को कोल या कोइल नाम से जाना जाता था. इतिहासकारों के अनुसार, यहां के शासक रहे कौषिरिव का नाम महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण में वर्णित है. कौषिरिव को पराजित कोल नामक एक दैत्यराज यहां का शासक बना और उसने अपने नाम के अनुकूल इस स्थल का नाम कोल रखा. सैय्यद वंश के कार्यकाल में ही कोल का नाम बदलकर अलीगढ़ के नाम से जाना जाने लगा.
ताला नगरी के नाम से है मशहूर
अलीगढ़, उत्तर प्रदेश राज्य का एक नगर है. यह अलीगढ़ जिले और उस जिले की कोइल तहसील का मुख्यालय भी है. अलीगढ़ दिल्ली से 130 किमी दक्षिणपूर्व और लखनऊ से 342 किमी पश्चिमोत्तर में स्थित है. अलीगढ़ को ताला नगरी के नाम से भी जाना जाता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ शहर मुगलकाल से तालों के लिए जाना जाता है. आज के समय में इस शहर में में एक शानदार सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, जहां सैकड़ों छात्र अपनी पढ़ाई कंप्लीट करते हैं.
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