जम्मू कश्मीर के सीएम बनने के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने अपना पहला और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि वो जब किसी सड़क से गुजर रहे हों तो उनके लिए ट्रेफिक को नहीं रोका जाए और न ही उनके लिए अलग से कोई ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाए. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसा करने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने सायरन का भी कम से कम उपयोग करने के निर्देश दिए हैं. जहां भारत में वीआईपी के लिए पूरी सड़क का ट्रैफिक रोक दिया जाता है, ऐसे में चलिए जानते हैं कि वो कौन से देश हैं जहां वीआईपी के लिए ट्रैफिक को नहीं रोका जाता.


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इन देशों में वीआईपी के लिए भी नहीं रोका जाता ट्रैफिक


दुनिया के कई देशों में वीआईपी लोगों को खास सुविधाएं दी जाती हैं, जैसे कि ग्रीन कॉरिडोर, एस्कॉर्ट और खास सुरक्षा. वहीं कुछ देश ऐसे हैं जहां वीआईपी को इन तरह की सुविधाएं मिलने पर रोक लगा दी गई है.


स्कैंडिनेवियन देश: नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क और फिनलैंड जैसे स्कैंडिनेवियन देशों में वीआईपी के लिए खास सुविधाओं पर बहुत कम जोर दिया जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इन देशों में नेता भी आम लोगों की तरह ही यात्रा करते हैं.


जर्मनी: जर्मनी में भी वीआईपी के लिए विशेष सुविधाओं पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हैरानी की बात ये है यहां के नेता आमतौर पर या तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हैं या फिर साइकिल चलाते हैं.


न्यूजीलैंड: न्यूजीलैंड में भी वीआईपी के लिए खास सुविधाओं पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यहां के नेता आम लोगों की तरह ही जीवन जीते हैं.


भारत में जड़ों में बसा है वीआईपी कल्चर


भारत में वीआईपी कल्चर काफी समय से है. यही वजह है कि ये कल्चर अब देश की जड़ों में बस चुका है. हमारे देश में कई राजनेता और अधिकारी विशेष सुविधाओं का लाभ उठाते हैं. उमर अब्दुल्ला के सीएम बनने के बाद लिया गया ये फैसला काफी चौंकाने वाला है.                                                             


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