(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कभी कोई बैठा हुआ घोड़ा देखा है? ये खड़े रहकर ही ऐसे पूरी कर लेते हैं अपनी नींद
Horse Day: कभी कोई बैठा हुआ घोड़ा देखा है? ये खड़े रहकर ही ऐसे पूरी कर लेते हैं अपनी नींद
Horse Day: 13 दिसंबर आज पूरी दुनिया में हॉर्स डे मनाया जाता है. आज हम हॉर्स यानी घोड़ों के बारे में एक छुपे हुए तथ्य से आपको रूबरू कराएंगे. हमने अक्सर घोड़े देखे हैं. कभी फिल्मों में तो कभी हकीकत में लेकिन जब भी उन्हें देखा है तब या तो दौड़ते हुए या फिर अस्तबल में खड़े हुए. उन्हें बैठे हुए या लेते हुए कभी नहीं देखा गया. तो क्या घोड़े कभी सोते नहीं है? तो फिर आराम कैसे करते हैं. क्या घोड़ों को कभी नींद नहीं आती? इन सारे सवालोंके जवाब जानते हैं.
घोड़े कभी भी बैठते नहीं हैं ?
घोड़ों को अक्सर खड़ा ही देखा जाता रहा है तो ऐसे में मन में सवाल आता है कि ये कभी आराम करने के लिए बैठते नहीं है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आपको बता दें घोड़े हमेशा खड़े ही नहीं रहते वो कभी-कभी बैठते भी है. दरअसल घोड़ों की शारीरिक बनावट ऐसी होती है कि वो बिना बैठे ही खड़े-खड़े आराम कर सकते हैं. इसलिए उन्हें बैठने की ज्यादा जरूरत नहीं होती. इसके अलावा शारीरिक बनावट के कारण बैठने पर घोड़े को आराम करने के बजाय असहज महसूस ज्यादा होता है. इसलिए अधिकतर समय वह खड़े होकर ही बिताते हैं.
क्या घोड़े सोते नहीं है ?
अगर घोड़े खड़े रहते है अधिक समय तो फिर क्या वह सोते नहीं है. मन में ये सवाल आना तो लाज़मी है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि घोड़े सोते नहीं है. बस फर्क ये है कि वो खड़े-खड़े भी सो जाते है या कहें रेस्ट कर लेते हैं. जिससे देखने वाले को अंदाजा नहीं होता घोड़े सो रहे है या जग रहे हैं. घोड़े एक दिन में 30 मिनट तक कई गहरी नींद लेते है. इसके साथ ही वो दिन भर में छोटे-छोटे नैप लेते रहते हैं.
इसके पीछे कारण क्या है?
घोड़ों के बारे में इतना जानने के बाद मन में सवाल आता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है ? जैसा कि हमने पहले बताया कि घोड़ों की शारीरिक बनावट के कारण उन्हें बैठने से ज्यादा सहूलियत खड़े होने में होती है ये एक मुख्य कारण हैं. घोड़ों की कमर सीधी होती है जो मुड़ नहीं सकती. जब घोड़ा बैठता है तो इसके बाद उसे उठने में परेशानी होती है. बैठने से घोड़े के शरीर का पूरा वजन उसके शरीर के आगे वाले हिस्से पर आ जाता है ऐसे में उसे साँस लेने में भी समस्या होती है इसलिए भी वह बेहद कम बैठने का प्रयास करते हैं. क्योंकि घोड़े खड़े-खड़े भी रेस्ट कर लेते हैं इसलिए भी उन्हें बैठने की जरूरत नहीं होती.