भारत के इस बडे़ केस में बैठी थी सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी बेंच, CJI समेत इतने जज थे शामिल
सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा केस भी आया था जिसके लिए 13 जजों की बेंच बनी थी. इस केस को सुप्रीम कोर्ट का सबसे बड़ा केस कहना गलत नहीं होगा.
![भारत के इस बडे़ केस में बैठी थी सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी बेंच, CJI समेत इतने जज थे शामिल on the petition of Kesavanand Bharti the largest bench of 13 judges was formed know about this case भारत के इस बडे़ केस में बैठी थी सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी बेंच, CJI समेत इतने जज थे शामिल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/17/4370dc1065b4bcc8e3f5678427b37acc1723899833375742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
भारत का एक केस ऐसा भी है जिसमें सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी बेंच बैठी थी. सुप्रीम कोर्ट में 68 दिनों तक लगातार इस केस की सुनवाई चली थी. इसका फैसला ऐतिहासिक माना गया, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों ने एकसाथ इस्तीफा दे दिया था. चलिए इस ऐतिहासिक केस के बारे में जानते हैं.
इस केस में बैठी थी सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी बेंच
हम केशवानंद भारती केस की बात कर रहे हैं. उन्हें संविधान को बचाने वाले शख्स के रूप में याद किया जाता है, क्योंकि 47 साल पहले उन्होंने केरल सरकार के खिलाफ मठ की संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने भूमि सुधार कानून और 29वें संविधान संशोधन को चुनौती दी थी. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसएम सीकरी की अध्यक्षता वाली 13 जजों की बेंच ने 68 दिनों तक चली सुनवाई के बाद उनके पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.
13 जजों की बेंच में से सात जजों ने बहुमत से फैसला दिया कि संसद की शक्ति संविधान संशोधन करने की तो है, लेकिन संविधान की प्रस्तावना के मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता और कोई भी संशोधन प्रस्तावना की भावना के खिलाफ नहीं हो सकता. इस मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 से 23 मार्च 1973 तक चली थी, जिसे भारत के सबसे बड़े केसों में से एक माना जाता है.
कौन थे केशवानंद?
जिस जमीन के लिए केशवानंद केस लड़ रहे थे वो केरल का सुप्रसिद्ध इडनीर शैव मठ 1200 साल पुराना है. इसे आदि शंकराचार्य की पीठ भी माना जाता है. मात्र 20 साल की उम्र में गुरु के निधन के बाद केशवानंद इसके मुखिया बन गए थे. अध्यात्म के अलावा नृत्य, कला, संगीत और समाज सेवा में भी इसका काफी योगदान है.
यह भी पढ़ें: लिवइन रिलेशनशिप में रहने वाली महिला के क्या होते हैं अधिकार? नहीं जानते होंगे आप
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)