India-Russia Relations: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 5 सालों से युद्ध जारी है. वहीं भारत और रूस के संबंध देखें जाएं तो वो फिलहाल काफी अच्छे हैं. पीएम मोदी और रशिया के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच काफी अच्छे रिश्ते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब रूस भारत पर आक्रमण करने की योजना बना रहा था. उस समय उसका उद्देश्य पूरा हो पाया या नहीं? चलिए जानते हैं.


जब भारत पर आक्रमण की तैयारी में था रूस


19वीं शताब्दी के दौरान, प्रमुख शक्तियों के बीच भू-राजनीतिक तनाव अक्सर महत्वाकांक्षी और दुस्साहसी योजनाओं को जन्म देते थे. ऐसी ही एक योजना रूस ने भी बनाई थी, जिसमें उसका ब्रिटिश शासित भारत पर कब्जा करने का इरादा था. ये योजना मुख्य रूप से रूस की अपना विस्तार करने और एशिया में ब्रिटिश प्रभुत्व का मुकाबला करने की इच्छा से बनाई थी. हालांकि ये योजना कभी पूरी नहीं हो पाई और रूस भारत पर आक्रमण नहीं कर पाया. हालांकि ये उस दौर की आपसी लड़ाईयों और रणनीतिक पैंतरेबाजी को बताती है.


कैसे फेल हुई रूस की योजना?


1801 में रूसी सम्राट पॉल 1 ने ब्रिटिश शासित भारत पर आक्रमण करने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई. उन्होंने एशिया में ब्रिटिश प्रभुत्व को चुनौती देने के उद्देश्य से नेपोलियन बोनापार्ट के साथ गठबंधन करने की कोशिशें की. पॉल I की योजना में एक संयुक्त रूसी-फ्रांसीसी अभियान भी शामिल था, जिसमें 22,000 कोसैक की सेना डॉन स्टेप्स से चली थी. ये यात्रा उन्हें मध्य एशिया से होते हुए भारत पहुंचने के लिए बहुत कठिन रास्तों से होते हुए लानी थी.


उस समय भीषण ठंड पड़ रही थी और सेना बड़ी मुश्किल से आगे बढ़ रही थी. इस बीच मार्च 1801 में पॉल-I की हत्या कर दी गई. ये वही समय था जब रूस का भारत पर आक्रमण का अभियान तेजी पकड़ रहा था. ऐसे में पाल-। की मौत के बाद अलेक्जेंडर-I ने इस योजना को त्यागने और यूरोपीय मामलों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया था. जिसके चलते भारत का इतिहास बदल गया.


अंग्रेजों ने भारत पर कितने साल किया राज?


अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 साल राज किया. अंग्रेजों ने भारत में फूट डालो और राज करो की नीति से राज करना शुरू किया था. वहीं पहली बार भारत में प्रवेश की बात करें तो इतिहासकारों के मुताबिक, अंग्रेजों भारत में पहली बार 24 अगस्त 1608 को आए थे. उनका उद्देश्य भारत में व्यापार करना था. हालांकि धीरे-धीरे लालच में आकर उन्होंने भारत पर अपना कब्जा जमा लिया. भारत में पहली बार स्वतंत्रता आंदोलन साल 1857 के विद्रोह के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद 1858 में महाराष्ट्र में ईस्ट इंंडिया कंपनी के शासन का अंत हो गयाइसके बाद भारत पर सीधे ब्रिटिश क्राउन का शासन हो गया था, जिसे ब्रिटिश राज के नाम से भी जाना जाता है.


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