One Peg to Patiala Peg: शराब को लेकर हर किसी का अपना पसंद होता है. कोई एक पेग से काम चला लेता तो किसी को पटियाला पेग की जरूरत पड़ती है. अपनी क्षमता के अनुसार लोग शराब का सेवन करते हैं. अब सवाल यहां ये खड़ा होता है कि ये पेग का क्या मतलब है, और यह कितने तरह का होता है? आइए जानते हैं.
इन दो देशों में होता है इस्तेमाल
पूरी दुनिया में भारत और नेपाल ही ऐसे देश हैं, जहां शराब खरीदने या सर्विंग के समय 'पेग' शब्द का प्रयोग होता है. आम भारतीय के लिए 'स्मॉल' या 'छोटा' 30 मिलीलीटर शराब को दर्शाता है. वहीं, 'बड़ा' या 'लार्ज' 60 मिलीलीटर होता है. कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो एक बार में 90 मिलीलीटर या 'पटियाला पेग' भी पीते हैं. इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, डेनमार्क में मापन की इकाई 'paegl' से ही 'पेग' का उद्भव हुआ है. इंडिया टूडे पर छपी एक आर्टिकल में कॉकटेल्स इंडिया यूट्यूब चैनल के संस्थापक संजय घोष जिन्हें 'दादा बारटेंडर' के नाम से भी जाना जाता है, बताते हैं कि भारत और नेपाल में 'पेग' शराब को मापने के लिए मान्य इकाई के रूप में स्थापित किया गया है. शराब को 'स्मॉल' 25 मिलीलीटर और 'लार्ज' 50 मिलीलीटर मात्रा में भी परोसा जा सकता था, लेकिन 30 मिलीलीटर और 60 मिलीलीटर क्यों? इसकी वजह बेहद रोचक है.
कोई मानक भी है?
30 मिलीलीटर और 60 मिलीलीटर का गणितीय सिद्धांत दादा बारटेंडर के अनुसार, 30 एमएल शराब को सर्विंग के लिए सबसे छोटी इकाई 'स्मॉल' के रूप में मान्यता देने के पीछे दो बड़ी वजहें हैं. प्रमुख वजह स्वास्थ्य है. जब हम शराब पीते हैं, तो यह हमारे शरीर में जहरीला तत्व मानकर बर्ताव करता है, और हमारा शरीर इसे तुरंत बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर देता है. इसके लिए हमारा लिवर और अन्य अंग शराब को अलग-अलग केमिकल में विघटन करते हैं.
30 मिलीलीटर एक आदर्श मात्रा है, जिसे हम धीरे-धीरे पी सकते हैं और हमारे शरीर को इसे पचाने में आसानी होती है. वे बताते हैं कि अधिकांश शराब की बोतलें 750 मिलीलीटर की होती हैं, इसलिए बारटेंडर को सर्विंग के लिए 30 मिलीलीटर और 60 मिलीलीटर मात्रा में शराब परोसने में आसानी होती है, क्योंकि उसे बोतल से कितनी शराब इस्तेमाल की गई है, यह आसानी से पता चल जाता है. इसके अलावा, शराब की इंटरनैशनल यूनिट 1 औंस यानी 29.57 मिलीलीटर होती है, जो 30 मिलीलीटर के बहुत करीब है.
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