पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बनाना आम बात हो चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब देश का बंटवारा हुआ था और पाकिस्तान एक अलग इस्लामिक मुल्क बना था, उस वक्त वहां पर कितने हिंदू मंदिर थे. आज हम आपको बताएंगे कि पाकिस्तान में कितने हिंदू मंदिर थे और अभी कितने बचे हुए हैं.
पाकिस्तान में मंदिरों पर होता है हमला
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदूओं को निशाना बनाकर उन्हें मारना और उनके धार्मिक स्थलों पर छेड़छाड़ करना ये आम बात हो चुका है. पाकिस्तान में कट्टरपंथी अक्सर हिंदू मंदिरों को निशाना बनाकर उन्हें ध्वस्त करने की कोशिश करते हैं. सोशल मीडिया पर भी कई बार ऐसे वीडियो शेयर होती हैं, जिसमें कट्टरपंथी हिंदू मंदिरों और देवी-देवताओं की फोटो को खंडित करते हुए नजर आते हैं.
पाकिस्तान में कितने मंदिर ?
अब सवाल ये है कि पाकिस्तान में कितने मंदिर हैं? जानकारी के मुताबिक आजादी के वक्त पाकिस्तान के हिस्से में बहुत सारे मंदिर आए थे. लेकिन मौजूदा समय में पाकिस्तान में मंदिरों की संख्या ना के बराबर है. क्योंकि आजादी के बाद से ही पाकिस्तान में मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है, इतना ही नहीं कट्टरपंथियों ने तो कई मंदिरों का नामोनिशान भी मिटा दिया है.
पाकिस्तान में तोड़े जा रहे हैं मंदिर
पाकिस्तान से आजादी के इतने सालों के बाद भी मंदिर तोड़ने और हिंदुओं समुदाय के लोगों पर हमले की घटना सामने आती रहती है. आज भी वहां हिंदू परिवार सिर्फ मजबूरी में रह रहे हैं. पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के मुताबिक 1947 में जब बंटवारा हुआ था, तब पाकिस्तान वाले हिस्से में 428 मंदिर मौजूद थे. लेकिन 1990 के दशक तक 408 मंदिरों को रेस्टोरेंट, होटल, सरकारी स्कूल या मदरसे में तब्दील कर दिया गया था.
सिर्फ इतने हिंदू मंदिर ही बचे
स्थानीय लोगों के मुताबिक पाकिस्तान में मौजूद कालीबाड़ी मंदिर की जगह दारा इस्माइल खान ने ताजमहल होटल खड़ा कर दिया है. पख्तूनख्वा के बन्नू जिले में एक हिंदू मंदिर का नामोनिशान मिटाकर वहां मिठाई की दुकान खोल दी गई है, तो वहीं कोहाट के शिव मंदिर में अब एक स्कूल चलाया जाता है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में अब सिर्फ 22 हिंदू मंदिर ही बचे हुए हैं. वहीं पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 मंदिर हैं. इसके अलावा पंजाब में चार, पख्तूनख्वा में चार और बलूचिस्तान में तीन मंदिर है. इन मंदिरों में आस-पास रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग पूजा-पाठ करते हैं और इसकी देखरेख करते हैं. पाकिस्तान में अभी भी अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं और उन्हें धर्मपरिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है.