Organ Donation: देश में इंसान के कल्याण और सुख के लिए लोगों के त्याग और बलिदान के अनेक किस्से कहानियां सुनने को मिल जाती हैं. समाज और लोगों के जीवन की रक्षा के लिए अपने अंगदान की महर्षि दधीचि से जुड़ी पौराणिक कथा भी बहुत से लोगों ने सुनी होगी. आज के समय में भी बहुत से लोग अपने अंगों का दान कर लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं. ऐसे में आज जानते हैं कि शरीर के कितने और कौन से अंगों को दान में दिया जा सकता है.


करीब 50 लोगों को अंगदान से दिया जा सकता है जीवन


वैसे तो मृत्यु जीवन अटल सत्य है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि एक व्यक्ति अपने शरीर के अंगों को दान करके करीब 50 लोगों को जीवन दे सकता है. भागदौड़ भरी इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो किसी बीमारी या अन्य वजह से अपने खास अंगों को खो देते हैं या उनके अंग खराब हो जाते हैं. ऐसे में समाज कल्याण और लोगों को नया जीवन देने की सोच के साथ बहुत से स्वस्थ लोग अपने जीते जी या मृत्यु के बाद अंगदान करके लोगों को एक नई जिंदगी देते हैं.


शरीर के किन हिस्सों और अंगों को किया जा सकता है दान


अंगदान में शरीर के कुछ अंगों और ऊतकों को दान किया जा सकता है. अंगों में यकृत, गुर्दे, अग्नाशय, हृदय,फेफड़े और आंत जैसे अंगों का दान किया जाता है. जबकि ऊतकों में कॉर्निया (आंख का भाग), हड्डी, त्वचा, हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, कण्डरा और कुछ अन्य ऊतकों को भी दान किया जाता है.


अंगदान कितनी तरह का होता है


अंगदान दो तरह से होता है. पहला होता है जीवित अंगदान और दूसरा मृत्यु के बाद अंगदान. अंगदान के लिए बाकायदा वसीयत लिखी जाती है कि मृत्यु के बाद उनके शरीर का कौन-कौन सा हिस्सा दान किया जायेगा. जीवित अंगदान में इंसान जीते जी शरीर के कुछ अंगों को दान कर देते हैं. जिसमें एक गुर्दा दान में दिया जा सकता है. इसके अलावा अग्न्याशय का हिस्सा और लीवर का हिस्सा क्योंकि लीवर समय के साथ फिर से विकसित हो सकता है. मृत्यु के बाद अंगदान में आँख, किडनी, लीवर, फेफड़ा, ह्रदय, पैंक्रियाज और आंत का दान किया जाता है.


अंगदान के लिए उम्र की सीमा


अंगदान में सिर्फ उम्र ही नहीं, बल्कि शरीर का स्वस्थ होना भी जरूरी है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर होता है की अंगदान जीते जी किया जा रहा है या मृत्यु के बाद. 18 साल का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अंगदान कर सकता है, लेकिन शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए उम्र सीमा भी अलग-अलग होती है, जो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दान किए जा सकते हैं.


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