अंगूर खाते समय क्या आपने कभी सोचा कि आखिर ये फल धरती पर उगा कैसे? जाहिर सी बात है, नहीं सोचा होगा. अगर इस समय आप किसी से ये सवाल करेंगे तो शायद उसके पास भी इसका जवाब नहीं मिलेगा. हालांकि, विज्ञान के पास इसका जवाब है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर अंगूर धरती पर आया कैसे और कैसे इसकी उत्पत्ति का इतिहास डायनासोर से जुड़ा है.


धरती पर कब आया अंगूर


अगर आपको लग रहा है कि धरती पर अंगूर हमेशा से मौजूद थे तो आप गलत हैं. नए शोध के अनुसार, धरती पर अंगूर आज से लगभग 66 लाख साल पहले आए. दरअसल, ये वही दौर था जब धरती पर विनाशकारी उल्कापिंड गिरे और उनकी वजह से डायनासोर का धरती से अंत हो गया.


अंगूर की उत्पत्ति और डायनासोर का कनेक्शन


कुछ दिनों पहले नेचर प्लांट्स जर्नल में एक रिसर्च प्रकाशित हुई. इसमें धरती पर अंगूरों की उत्पत्ति को लेकर कई ऐसी बातें लिखी गई हैं जो आपको चौंका देंगी. दरअसल, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने पनामा और पेरू में पाए गए 19 से 60 लाख साल पुराने अंगूर की बीजों की जब जांच कि तो पाया कि इनका संबंध धरती पर पाए जाने वाले डायनासोर से है.


दरअसल, इस रिसर्च में पता चला कि जब लगभग 66 साल पहले धरती पर उल्कापिंडों के जरिए तबाही मची थी, तो डायनासोर लगभग खत्म हो गए थे. इस तबाही और डायनासोर के खत्म होने का असर पृथ्वी के वातावरण और यहां मौजूद पेड़ पौधों पर भी हुआ. इन्हीं पौधों में से एक पौधा अंगूर का भी था. आपको बता दें, मध्य अमेरिका के कुछ चट्टानों के बीच डायनासोर के जो जीवाश्म मौजूद थे, उनमें अंगूर की 9 नई प्रजातियों के बीज मिले हैं. ये लगभग 60 लाख साल पुराने हैं.


रिसर्च में क्या पता चला?


इस रिसर्च में पता चला कि जब डायनासोर विलुप्त हुए तो अंगूर पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा. इस प्रभाव की वजह से ही अंगूर के पौधे की संरचना बदल गई. इसके साथ ही डायनासोर की विलुप्ती के बाद जब पृथ्वी पर जंगल बेहद घने हो गए, तो उन्होंने भी अंगूरों के विकास में खादा मदद की. इसके अलावा डायनासोर जब विलुप्त हुए और धरती पर दूसरे स्तनधारी जीवों की उत्पत्ति हुई तो उन्होंने अंगूर के बीजों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


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