अपने इलाके में घुसने वाले को मौत की सजा देते हैं यहां के लोग
नार्थ सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान द्वीप समूह का एक द्वीप है. यह दक्षिण अंडमान जिले में आता है लेकिन यहां जाने की इजाजत किसी को नहीं है. आइए जानते है इसकी क्या वजह है.
दुनिया में कई रहस्यमयी जगहें हैं. कुछ तो रहस्यमयी होने के साथ-साथ खतरनाक भी है. आज हम आपको एक ऐसी ही एक जहग के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाने का परिणाम मौत हो सकता है. यह एक द्वीप है. ऐसा नहीं है कि इस द्वीप पर कोई खूंखार जानवर रहता है, यहां भी इंसान ही रहते हैं लेकिन ये इंसान बाकी की दुनिया से थोड़े अलग हैं. यही वजह है कि अगर यहां कोई जाता है तो ये लोग उसे मार भी सकते हैं. आइए जानते हैं ये कौन-सा द्वीप है.
कौन-सा है ये द्वीप
नार्थ सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान द्वीप समूह का एक द्वीप है. यह दक्षिण अंडमान जिले में आता है लेकिन यहां जाने की इजाजत किसी को नहीं है. दरअसल, इस द्वीप पर न जाने की वजह यहां रहने वाली जनजाति है, जिनका दुनिया से कोई संपर्क नहीं है. यह 23 वर्ग मील का एक छोटा-सा द्वीप है, जिसपर 60 हजार सालों से इंसान रह रहे हैं, लेकिन आज तक उनका खान-पान, रहन-सहन दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है.
हजारों साल से है ये जनजाति
यह द्वीप अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से महज 50 किमी दूर है. इसपर सेंटिनली जनजाति रहती है और इन्होनें आज तक किसी भी बाहरी हमले का सामना नहीं किया है. इन लोगों का कद कम होता है. रिसर्च में हुई कॉर्बन डेटिंग के जरिए पता चला कि यह जनजाति 2,000 से यहां रह रही है.
बाहरी इंसान की नो एंट्री
नार्थ सेंटिनल द्वीप पर कोई भी बाहरी इंसान नहीं जा सकता है. भारत सरकार ने यहां की जनजातियों को संरक्षित रखने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह विनियमन, 1956 जारी किया हुआ है. प्रशासन से अलग किसी भी का प्रवेश यहां पर बैन है. माना जाता है कि यहां रहने वाले लोग परदेसियों के साथ शुत्रता पूर्ण व्यवहार करते हैं.
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