देश के किस राज्य में कितने विचाराधीन कैदी? उत्तर प्रदेश टॉप पर, जानें बाकी राज्यों का हाल
देश के जेलों में 4,34,302 विचाराधीन कैदी हैं. जिसमें सबसे ज्यादा तादाद उत्तर प्रदेश में है. उत्तर प्रदेश 94,131 विचाराधीन कैदियों के साथ टॉप पर काबिज है.
Most Undertrial Prisoners States: भारत के किस राज्य में कितने विचाराधीन कैदी हैं? इस मामले में टॉप पर कौन है? दरअसल, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा विचाराधीन कैदी बंद हैं. भारत सरकार के मुताबिक, देश के जेलों में 4,34,302 विचाराधीन कैदी हैं. जिसमें सबसे ज्यादा तादाद उत्तर प्रदेश में है. उत्तर प्रदेश 94,131 विचाराधीन कैदियों के साथ टॉप पर काबिज है. जेल सांख्यिकी रिपोर्ट की मानें तो उत्तर प्रदेश के बाद बिहार का नंबर है. इस फेहरिस्त में बिहार दूसरे नंबर पर है.
विचाराधीन कैदियों के मामले में उत्तर प्रदेश टॉप पर
बिहार में विचाराधीन कैदियों की संख्या 57,537 है. उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद देश भर में महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र में 32,883 विचाराधीन कैदी बंद है. इसके बाद क्रमशः मध्य प्रदेश में 26,877, पंजाब में 24,198, पश्चिम बंगाल में 23,706, हरियाणा में 19,279, राजस्थान में 19,233, दिल्ली में 16,759, ओडिशा में 16,058, झारखंड में 14,786 विचाराधीन कैदी हैं.
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विचाराधीन कैदियों की सबसे कम संख्या किस राज्य में?
वहीं, अगर विचाराधीन कैदियों की सबसे कम संख्या के मामले देखें तो लक्षद्वीप टॉप पर है. लक्षद्वीप केवल 6 विचाराधीन कैदियों के साथ सूची में टॉप पर है. इसके बाद लद्दाख में 26, दादरा और नगर हवेली और दमन दीव में 162, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 173, अरुणाचल प्रदेश में 184, सिक्किम में 268, नागालैंड में 302, गोवा में 572, मणिपुर में 592 विचाराधीन कैदी हैं.
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विचाराधीन कैदियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की रिहाई को लेकर यूपी समेत बाकी राज्यों की जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों की रिहाई को लेकर राज्यों के लचर रवैये पर नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि यूपी की जेलों में ऐसे करीब 1000 से ज्यादा विचाराधीन कैदी होंगे, जो सजा की सीमा पार कर चुके होंगे. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों की रिहाई को लेकर राज्यों के लचर रवैये पर नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि यूपी की जेलों में ऐसे करीब 1000 से ज्यादा विचाराधीन कैदी होंगे, जो सजा की सीमा पार कर चुके होंगे.
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