Love Emotions: प्यार का अहसास अपने आप में अलग होता है. यह जितना खास है इसको लेकर लोगों की परिभाषाओं में इसकी व्याख्या उतनी ही अलग है. प्यार का रिश्ता सीधे दिल यानी हमारे शरीर के खास अंग हृदय से जोड़ दिया जाता है. जबकि इस तरह के इमोशन का मूल स्त्रोत हमारा दिमाग होता है. जहां से प्यार से संबंधित भावनाओं का संचार करने वाला हार्मोन निकलता है. वही हार्मोन है जो कि प्यार की फीलिंग का अहसास कराता है.


अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि प्यार की फीलिंग का संबंध मुख्य तौर पर दिल से न होकर कैसे दिमाग से निकलने वाले खास हार्मोन से है.


दिल का है ये काम


जिस अंग को हम दिल कहते हैं यानी कि ह्रदय उसका मुख्य काम इमोशन की बजाय शरीर में खून का प्रवाह करना होता है. ऐसे में प्यार के इमोशन का कनेक्शन दिल से वैज्ञानिक तौर पर वैसा नहीं होता है जैसा कि सामान्य तौर पर जिक्र किया जाता है.बल्कि यह तो पूरे शरीर में खून के प्रवाह का सुचारू तरीके से चलाने के लिए जिम्मेदार है.


प्यार के इमोशन की यह है वजह


प्यार के इमोशन का कारण एक खास हार्मोन है जिसे 'ऑक्सीटोसिन' कहते हैं. मां का बच्चे के प्रति प्रेम,प्रेमी और प्रेमिका का प्रेम इन अलग-अलग प्रेम की भावनाओं का कारण शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन निकलना है. यह हार्मोन पीयूष ग्रंथि से निकलता है जो कि मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस के निचले हिस्से की ओर मौजूद होती है. प्यार की भावनाओं और आत्मीय संबंधों को गढ़ने में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का का खास महत्व होता है.इसे आलिंगन और प्रेम हार्मोन कहा गया है.


इस हार्मोन के बारे में एनसीईआरटी की जीव विज्ञान की किताब में बकायदा जिक्र किया गया है. इस हार्मोन को जन्म हार्मोन भी कहते हैं. कारण है कि महिलाओं में प्रसव के दौरान होने यह हार्मोन गर्भाशय की पेशियों के संकुचन में मदद करता है. 


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