Oxytocin Injection: क्या होता है ऑक्सीटोसिन वाला दूध, कैसे कर सकते हैं इसकी पहचान?
भारतीय खाद्य प्रोडक्ट में सबसे ज्यादा ब्रिकी दूध की होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के समय में जानवरों को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाया जाता है. जिससे जानवरों के दूध की मात्रा बढ़ती है.
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भारत में सबसे ज्यादा खरीदा जाने वाला खाद्य प्रोडक्ट दूध है. देश में 90 फीसदी घरों की सुबह दूध से होती है. लेकिन उत्पादन कम और डिमांड ज्यादा होने की वजह से दूध में मिलावट भी हो रही है. कुछ सालों से बाजार में एक नया शब्द ऑक्सीटोसिन आया है. क्या आप जानते हैं कि ऑक्सीटोसिन दूध का क्या मतलब होता है.
ऑक्सीटोसिन वाला मिल्क
बता दें कि दूध निकालने के प्रोसेस में ऑक्सीटोसिन एक प्राइमरी हार्मोन के रूप में काम करता है. इसी वजह से पशुओं को ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन देने से दूध उत्पादन बढ़ता है. हालांकि अत्यधिक इंजेक्शन देने से पशु पर बुरा असर पड़ता है. वहीं नियमित रूप से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन देने से जानवर उसके आदी हो जाते हैं, जिससे उनका सामान्य दूध उत्पादन और प्रजनन स्वास्थ्य प्रभावित होता है. वहीं इसके दूध की पहचान करना मुश्किल होता है. लेकिन कई रिसर्च में ये सामने आया है कि ऑक्सीटोसिन मिल्क पीने वाले बच्चों को कुछ समय के बाद शारीरिक रूप से कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाना गैरकानूनी
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की डेयरियों में ऑक्सोटोसिन के गलत इस्तेमाल को लेकर सख्त हो गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस समेत अन्य सरकारी एजेंसियों को डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि मार्च 2023 में हाईकोर्ट ने राजधानी की नौ डेयरी कॉलोनियों के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर का गठन किया था. कोर्ट कमिश्नर ने ऑक्सीटोसिन के ‘बड़े पैमाने पर उपयोग’ को चिह्नित किया था.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ऑक्सीटोसिन देना पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 12 के तहत एक संज्ञेय अपराध है, इसलिए यह अदालत औषधि नियंत्रण विभाग (जीएनसीटीडी) को साप्ताहिक निरीक्षण करने का निर्देश देती है.
ऑक्सीटॉसिन का नाम लव हार्मोन
एक वेबसाइट के मुताबिक 2012 में हुई एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया था कि रोमांस की पहली स्टेज में चल रहे कपल्स में ऑक्सीटॉसिन हार्मोन बाकी कपल्स की अपेक्षा ज्यादा मात्रा में बनता है. इसके साथ ही रिसर्च में यह भी सामने आया था यौन गतिविधियों के दौरान ये शरीर में काफी ज्यादा मात्रा में रिलीज होता है.
जानवरों पर इसका दुष्प्रभाव
बता दें कि ऑक्सीटॉसिन के दुष्प्रभाव से बच्चों में हार्मोनल परिवर्तन और दुधारू पशुओं में बांझपन का खतरा बढ़ रहा है. पशु चिकित्सक कहते हैं कि गाय व भैंस को लगाए जाने वाले ऑक्सीटोसिन की आंशिक मात्रा दूध में आ जाती है. इसलिए ऑक्सीटोसिन मिश्रित दूध जहर से कम नहीं है.
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