भारत के बड़े शहरों के लिए वायु प्रदूषण का खतरा अब जानलेवा बनता जा रहा है. हर साल दिल्ली एनसीआर और दूसरे बड़े शहरों में रहने वाले लोग इस खतरे से होने वाली गंभीर बीमारियों से जूझते हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने इस पर अब एक नई रिपोर्ट पब्लिश की है. इस रिपोर्ट में उसने खुलासा किया है कि कैसे ओजोन गैस इन शहरों की हवा को और जहरीली बना रही है. चलिए आपको इस आर्टिकल में इस रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताते हैं.
खतरे में हैं ये शहर
दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई और पुणे के साथ-साथ ग्रेटर अहमदाबाद, ग्रेटर हैदराबाद, ग्रेटर जयपुर और ग्रेटर लखनऊ की स्थिति चिंताजनक है. दरअसल, दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की नई रिपोर्ट के अनुसार, इन भारतीय शहरों में ओजोन प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है. खासतौर से इस साल के गर्मियों के दौरान भारत के 20 प्रमुख शहरी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर ओजोन गैस का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है. इससे इन क्षेत्रों में हवा पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा जहरीली हो गई है. इन सभी शहरों में दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है.
ओजोन का स्तर सामान्य से अधिक
CSE की नई रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली एनसीआर सहित सभी 10 बड़े शहरों में ओजोन गैस का स्तर सामान्य से अधिक रहा है. जहां दिल्ली-एनसीआर में 176 दिन ग्राउंड-लेवल ओजोन गैस का स्तर सामान्य से अधिक रहा, वहीं मुंबई और पुणे में 138 दिन ऐसी ही स्थिति रही. जयपुर में 126 दिन, हैदराबाद में 86, कोलकाता में 63, बेंगलुरु में 59, लखनऊ में 49 और अहमदाबाद में 41 दिन ओजोन गैस का स्तर असामान्य था. जबकि, चेन्नई में ऐसे दिनों की संख्या सबसे कम लगभग 9 दिन दर्ज की गई.
इस साल समस्या ज्यादा बढ़ी
सीएसई की इस नई रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि साल 2024 में ओजोन प्रदूषण की बढ़ती समस्या 2020 में लॉकडाउन के दौरान गर्मियों में पैदा हुई समस्या से कहीं ज्यादा बढ़ी है. आज स्थिति ये है कि बढ़ते प्रदूषण की समस्या अब सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहर भी इस बढ़ते प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं. CSE की इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 10 में से 7 शहरों में पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक दिन ओजोन का स्तर ज्यादा रहा. अहमदाबाद जैसे छोटे शहर में सबसे ज्यादा उछाल आया है, यहां ओजोन में 4,000 फीसदी की वृद्धि हुई है. जबकि, पुणे में 500 फीसदी, जयपुर में 152 फीसदी और हैदराबाद में 115 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
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