इस मछली के मुंह में होते हैं इंसानों जैसे दांत, धरती पर सिर्फ इस जगह पाई जाती है
रेडिथ एक्वाटिक एंड वाइल्डलाइफ म्यूजियम के कर्मचारियों का कहना है कि ये मछली पिरान्हा प्रजाति की है. इसे स्थानीय भाषा में पाकू कहा जाता है. इसके दांत एक दम इंसानों जैसे होते हैं.
कई बार कुछ जीवों और इंसानों में इतनी चीजें एक जैसी होती हैं कि देख कर हैरानी होती है. दुनिया में ऐसी ही एक मछली है. ये मछली ऊपर से आपको एक सामान्य मछली जैसी ही दिखेगी, लेकिन जैसे ही आप इसके मुंह में देखेंगे आपको इंसानों जैसे दांत देखने को मिलेंगे.
पूरी धरती पर ये मछली हर जगह नहीं मिलती, सिर्फ एक ही जगह मिलती है. चलिए अब आपको इस मछली के बारे में विस्तार से बताते हैं. इसके साथ ही आपको ये भी बताते हैं कि आखिर हाल फिलहाल में ये मछली कहां पाई गई.
कहां पाई गई मछली
न्यूज़बाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, ये मछली एक मछुआरे को अमेरिका के सैनफोर्ड की लेक मेरेडिथ में मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, जब मछुआरा झील में मछली पकड़ रहा था तो उसकी जाल में एक ऐसी मछली फंसी जो अन्य मछलियों के मुकाबले बिल्कुल अलग थी. इस मछली के दांत इंसानों जैसे थे.
इस मछली का नाम क्या है
रेडिथ एक्वाटिक एंड वाइल्डलाइफ म्यूजियम के कर्मचारियों का कहना है कि ये मछली पिरान्हा प्रजाति की है. इसे स्थानीय भाषा में पाकू कहा जाता है. इसके दांत एक दम इंसानों जैसे होते हैं. ये दांत मछलियों को खाना चबाने में मदद करते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये मछली हर जगह नहीं पाई जाती. ये सिर्फ दक्षिण अमेरिका के मीठे पानी के झीलों में ही पाई जाती है.
सबसे बड़ी बात कि ये बेहद गहराई में रहती है, इसलिए जल्दी मछुआरों के जाल में नहीं फंसती. फिलहाल इस मछली को रेडिथ एक्वाटिक एंड वाइल्डलाइफ म्यूजियम में रखा गया है. हालांकि, अब इसे वापिस पानी में छोड़ने पर विचार किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि ये मछली जब अपने पूरे आकार में हो तो यह लगभग 40 किलो तक की हो सकती है. इस मछली के बारे में कहा जाता है कि इसे पहली बार 1980 में देखा गया था. हालांकि, अनोखा होने की वजह से अब इस मछली की तस्करी भी होने लगी है. लोग इसे अपने एक्वेरियम में पालना चाहते हैं और ऊंची कीमत देकर इसे खरीदते हैं.
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