Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान में बीते मंगलवार को बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी BLA ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया. इस ट्रेन के नौ डिब्बों में करीब 400 यात्री सवार थे. उग्रवादियों ने ट्रेन को बेपटरी कर दिया और इसे अपने कब्जे में कर लिया. अब हमेशा की तरह पाकिस्तान ने ये आरोप भी भारत के माथे पर मढ़ दिया है. हालांकि पाकिस्तान अक्सर अपनी आंतरिक असफलताओं को छिपाने के लिए भारत पर इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाता रहता है. जबकि ये काम बलूच के लड़ाकों का है, जो कि काफी साल से पाकिस्तान से अलग देश बनाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. लेकिन इस मनगढ़ंत आरोप के लिए क्या भारत की मोदी सरकार इंटरनेशनल लॉ के जरिए जवाब दे सकती है? चलिए जानें.
पाकिस्तान ने भारत पर लगाए बेबुनियाद आरोप
पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक के मामले में अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं. पाकिस्तानी फौज कह रही है कि ऑपरेशन खत्म हो चुका है, तो वहीं बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने दावा किया है कि ट्रेन अभी भी उसके कब्जे में है. इसमें पाकिस्तानी फौज के 154 जवान सवार हैं. पाकिस्तान सियासत हमेशा से भारत विरोधी रही है, लेकिन इस बार पाकिस्तान के आतंक को पनाह देने और बढ़ावा देने के नतीजे अब सामने आ रहे हैं. बलूचों पर अत्याचार को लेकर उन्होंने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने ट्रेन हाईजैक करने का बेबुनियाद आरोप भारत पर लगाए हैं. उन्होंने पाकिस्तानी न्यूज चैनल डॉन से बात करते हुए कहा है कि इस हमले के पीछे भारत का हाथ है. पाकिस्तान के इस फिजूल आरोप का अगर मोदी सरकार चाहे तो क्या इंटरनेशनल लॉ के जरिए जवाब दे सकती है. इसका जवाब जानते हैं.
क्या है इंटरनेशनल लॉ और कैसे काम करता है ये
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है, जिसमें राज्यों (देशों) के बीच कानूनी विवादों को निपटाने और कानूनी सवालों पर सलाह देने की शक्ति है, लेकिन इसमें इन्फोर्समेंट पावर का अभाव है, इसलिए ये दोनों देशों को सलाह देता है कि वो अपने निर्णय खुद लें. किसी विवाद पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस सिर्फ सलाह ही दे सकता है. बाकी दोनों देशों पर ही निर्भर है कि वो अपने विवाद का निपटारा करें.
मोदी सरकार इंटरनेशल लॉ के जरिए पाक को दे सकती है जवाब?
आईसीजे केवल तभी किसी विवाद की सुनवाई कर सकता है जब एक या अधिक राज्यों (देशों) द्वारा ऐसा करने का अनुरोध किया जाता है, यह अपनी पहल पर किसी विवाद से निपट नहीं सकता है. आईसीजे संयुक्त राष्ट्र के अंगों, विशेष एजेंसियों या ऐसे अनुरोध करने के लिए अधिकृत एक संबंधित संगठन के अनुरोध पर ही कानूनी सवालों पर सिर्फ सलाहकार राय दे सकता है. ऐसे में अलग मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ इस मसले को लेकर ICJ के पास जाती है तो ICJ दोनों देशों को सलाह दे सकता है.