पाकिस्तान में सरकार से ज्यादा सेना की चलती है. ये बात खुद पाकिस्तान के एक नेता ने साबित कर दी है. दरअसल हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि जनरल बाजवा ने सेना प्रमुख रहने के दौरान नवंबर 2022 में धमकी दी थी. बाजवा ने कहा था कि मेरे कार्यकाल को दूसरी बार बढ़ाओ नहीं तो मैं देश में मार्शल लॉ लगा दूंगा. ख्वाजा आसिफ ने यह बात ऐसे समय कही, जब पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष मलिक अहमद खान ने दावा किया था कि जनरल बाजवा अपने कार्यकाल को दूसरी बार नहीं बढ़वाना चाहते थे. चलिए जानते हैं कि आखिर मार्शल लॉ है क्या और पहली बार पाकिस्तान में कब लगा था.
क्या है मार्शल लॉ?
मार्शल लॉ, किसी भी देश में सरकार द्वारा घोषित एक ऐसी न्याय व्यवस्था है जिसमें सैन्य बलों को एक क्षेत्र, शासन और नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाता है. हालांकि ये जरूरी नहीं हैं कि मार्शल लॉ पूरे देश में ही लागू हो, ये किसी भीं देश के छोटे से हिस्से में लगाया जा सकता है. मॉर्शल लॉ को सैनिक कानून भी कहा जाता है. यानी कि विशेष परिस्थितियों में किसी भी देश की न्याय व्यवस्था जब सेना अपने हाथ में ले लेती है, तब जो नियम प्रभावी होते हैं उन्हें मार्शल लॉ कहते हैं.
कभी-कभी मार्शल लॉ को युद्ध के समय या किसी क्षेत्र को जीतने के बाद उस क्षेत्र में लगा दिया जाता है. उदाहरण के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी और जापान में इसे लागू किया गया था. पाकिस्तान में भी चार बार मार्शल लॉ लगाया जा चुका है.
पाकिस्तान में पहली बार कब लगा मार्शल लॉ?
पाकिस्तान में सेना और राजनीतिक मोहरों के बीच आंख-मिचौली का खेल चलता रहा है. यही वजह है कि जब भी सेना को कोई सरकार पसंद नहीं आती तो वो उसे हटाकर पूरा कंट्रोल सीधे अपने हाथ में ले लेती है. यही वजह है कि पाकिस्तान में अब तक तीन बार सैन्य तख्तापलट हो चुका है. मुल्क को दशकों तक सैन्य शासनों के तले रहना पड़ा है. पाकिस्तान में पहली बार मार्शल लॉ देश की 11 साल बाद ही लग गया था.
राष्ट्रपति सिंकदर मिर्जा ने देश में पहली बार 1958 में मार्शल लॉ लगाया था. उस समय राजनीतिक उथल-पुथल और अशांति के जवाब में ये कदम उठाया गया था. पाकिस्तान में मार्शल लॉ दो साल तक चला और 1960 में इसे हटा लिया गया.
कितनी बार पाकिस्तान में लगा मार्शल लॉ?
दूसरी बार साल 1969 में पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू हुआ था. फिर 5 जुलाई 1977 में जनरल जिया उल हक ने पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू किया. जिया उल हक ने जुल्फिकार अली भुट्टो की पार्टी के लोगों को गिरफ्तार कर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. 12 अक्टूबर 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार भंग कर दी गई थी. तब सेना ने मोर्चा संभाला. जनरल परवेज मुशरर्फ ने सत्ता अपने हाथ में ले ली थी. बता दें मार्शल लॉ ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, ईरान, अमेरिका जैसों देशों में भी लागू किया जा चुका है.
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