(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पाकिस्तान में किसे मिलता है ISI चीफ बनने का मौका, जानें क्या होती है रैंक
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक लिखित आदेश में कहा था कि पूर्व ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हमीद पर जो आरोप लगे हैं वो अत्यंत गंभीर हैं. अब उन्हें पाकिस्तानी आर्मी द्वारा हिरासत में ले लिया गया है.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के पूर्व चीफ फैज हमीद को पाकिस्तान की सेना ने सोमवार को हिरासत में ले लिया. अब उन पर पाकिस्तान सेना अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई भी शुरू हो गई है.
ISPR की ओर से जो जानकारी दी गई उसके मुताबिक, फैज हमीद पर अब टॉप सिटी हाउसिंग स्कीम घोटाले के मामले में कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में चलिए आज आपको बताते हैं कि आखिर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI में सबसे ऊंचा ओहदा पाने के लिए क्या-क्या प्रक्रियाएं फॉलो की जाती हैं.
इन प्रक्रियाओं के जरिए चुना जाता है ISI चीफ
पाकिस्तान में ISI (इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस) के चीफ का चयन करने की प्रक्रिया मुख्य रूप से सेना के हाई लेवल पर होती है. चलिए आपको बताते हैं कि ISI चीफ का चयन कैसे होता है-
आर्मी चीफ की भूमिका: ISI चीफ का चयन पाकिस्तान की सेना के प्रमुख (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) द्वारा किया जाता है. आर्मी चीफ इस पद के लिए योग्य उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार करते हैं.
कैंडिडेट्स का चयन: आमतौर पर ISI चीफ के पद के लिए तीन-चार वरिष्ठ सेना अधिकारी (जो कम से कम जनरल रैंक के) उम्मीदवार होते हैं. ये उम्मीदवार सैन्य खुफिया और सुरक्षा के मामलों में विशेष अनुभव और योग्यता रखते हैं.
पीएम की स्वीकृति: ISI चीफ का चयन भले ही आर्मी चीफ द्वारा किया जाता है, लेकिन अंतिम मंजूरी के लिए इसे प्रधानमंत्री के पास भेजा जाता है. प्रधानमंत्री की स्वीकृति के बाद ही ISI चीफ की नियुक्ति की जाती है.
कार्यकाल: ISI चीफ का कार्यकाल आमतौर पर 3 साल का होता है, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है. यह पूरी तरह से सरकार और आर्मी चीफ पर निर्भर करता है.
फैज हमीद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
साल 2023 में 14 नवंबर को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक लिखित आदेश में कहा था कि पूर्व आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हमीद पर जो आरोप लगे हैं वो अत्यंत गंभीर हैं. दरअसल, प्राइवेट आवास योजना टॉप सिटी के मैनेजमेंट ने पूर्व ISI चीफ फैज हमीद के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उन्होंने इसके मालिक मोइज़ खान के ऑफिसों और घरों पर छापेमारी करवाई थी.
जिसके बाद टॉप सिटी का मैनेजमेंट सुप्रीम कोर्ट गया और फिर नवंबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग सोसाइटी के मालिक को पूर्व ISI चीफ और उनके सहयोगियों के खिलाफ अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए रक्षा मंत्रालय सहित संबंधित विभागों से संपर्क करने को कहा था.
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