पाकिस्तान में भी है एक खास राम मंदिर, भारत के इस राजपूत राजा ने बनवाया था
हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में है. 16वीं शताब्दी में बना ये मंदिर भगवान राम का है. लोग मानते हैं कि राम जी जब वनवास में थे तो यहां भी रुके थे.
भारत में इस वक्त हर तरफ राम मंदिर की चर्चा हो रही है. राम मंदिर की वजह से अयोध्या फिलहाल देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक राम मंदिर पाकिस्तान में भी है. सबसे बड़ी बात की इस मंदिर की बड़ी मान्यता है और वहां के लोग आज भी इस मंदिर में पूजा करते हैं. चलिए आज आपको पाकिस्तान के इसी राम मंदिर की कहानी बताएंगे, इसके साथ ही ये भी बताएंगे कि आखिर इस मंदिर को पाकिस्तान में बनवाने वाला हिंदू राजा कौन था.
पाकिस्तान में कहां है ये राम मंदिर
पाकिस्तान जब भारत से अलग नहीं था तब वहां के इस्लामाबाद के आसपास ढेर सारे हिंदू रहा करते थे. यही वजह थी कि इस इलाके में कई बड़े मंदिर हुआ करते थे. हालांकि, हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में है. 16वीं शताब्दी में बना ये मंदिर भगवान राम का है. इलाके के हिंदू समुदाय के लोग मानते हैं कि राम जी जब वनवास में थे तो यहां भी वह रुके थे.
किसने बनवाया था ये मंदिर
कहा जाता है कि इस मंदिर को 1580 में हिंदू राजपूत राजा मान सिंह ने बनवाया था. बंटवारे से पहले ये मंदिर अपनी भव्यता के लिए जाना जाता था. हालांकि, बंटवारे के बाद ये मंदिर धीरे-धीरे खंडहर में बदल गया. लेकिन साल 2016 में इस मंदिर के परिसर को फिर से तैयार किया गया और हिंदू समुदाय के हवाले किया गया.
कराची में हनुमान मंदिर
पाकिस्तान में सिर्फ राम जी का ही मंदिर नहीं है. बल्कि यहां के कराची में भगवान राम के भक्त हनुमान का भी मंदिर है. कहा जाता ही कि कराची में स्थित ये मूर्ती हजारों साल पुरानी है. हालांकि, इसका पुनर्निमाण साल 1882 में कराया गया था. यहां आज भी हिंदूओं की दर्शन के लिए भीड़ लगी रहती है. इसके अलावा भी पाकिस्तान में कई पुराने और विशाल मंदिर हैं, जिनके दर्शन के लिए हर साल पूरी दुनिया से हिंदू यहां पहुंचते हैं. हिंगलाज शक्तिपीठ जो बलूचिस्तान में स्थित है, उसे पाकिस्तान के सबसे भव्य मंदिरों में से एक माना जाता था. लेकिन आज इस मंदिर की हालत खस्ता हो गई है और ये मंदिर खंडहर में तब्दील हो गया है.
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