पाकिस्तान के बारे में जब भी चर्चा होती है तो उसके तार आतंकियों से जुड़े होते हैं. लेकिन आज हम पाकिस्तान के आतंकियों के बारे में नहीं, बल्कि वहां के एक डॉन और उसकी पूरे परिवार की कहानी बताने वाले हैं. सबसे बड़ी बात कि इस अंडरवर्ल्ड डॉन का पूरा परिवार दुश्मनी की भेंट चढ़ गया. पहले दादा, फिर पिता और उसके बाद बेटे की भी हत्या कर दी गई. चलिए जानते हैं कैसे एक ट्रक चलाने वाले का परिवार पाकिस्तान का सबसे बड़ा माफिया गिरोह बन गया.
टीपू बलाज की हत्या
आपने पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों के बारे में खूब सुना होगा. लेकिन क्या आप पाकिस्तान के सबसे बड़े माफिया और वहां के अंडरवर्ल्ड डॉन बलाज टीपू और उसके खानदान के बारे में जानते हैं. पाकिस्तान के लाहौर से इसी साल फरवरी के महीने में एक खबर आई कि अंडरवर्ल्ड डॉन बलाज टीपू की हत्या कर दी गई. दरअसल, बलाज एक शादी में कहां गया था जहां उसे कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी.
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शेर पालने वाला डॉन
आपको जानकर हैरानी होगी कि बलाज के पिता और दादा भी पाकिस्तान के अंडरवर्ल्ड डॉन थे. बलाज टीपू के पिता आरिफ अमीर के बारे में कहा जाता है कि वह अपने दौर का इतना बड़ा माफिया डॉन था कि उसकी तूती पाकिस्तान के अलावा दूसरे देशों में भी बोलती थी. आरिफ कहीं भी जाता तो अपनी पूरी फौज के साथ जाता. यहां तक कि जिस घर में वह रहता था, वहां उसने लगभग 10 शेर पाल रखे थे. उसके बारे में कहा जाता है कि वह शेरों को ऐसे पालता था, जैसे कोई आम इंसान बिल्लियों को पालता है.
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दादा की भी हो गई थी हत्या
बलाज की तरह उसके पिता अमीर की भी हत्या साल 2010 में कर दी गई थी. साल 2010 के जनवरी महीने में लाहौर के अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पार्किंग क्षेत्र में आरिफ अमीर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. वहीं बलाज का दादा बिल्ला ट्रकानवाला भी पाकिस्तान का बड़ा माफिया था. ये लोग ट्रांसपोर्ट के व्यापार से बढ़े और इसकी आड़ में अवैध धंधे करने लगे. बेटे और पोते की तरह बिल्ला ट्रकानवाला को भी अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी. टीपू बलाज की हत्या को लेकर कहा जाता है कि इसमें उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी लाहौर के गवालमंडी क्षेत्र से गोगी बट और तीफी बट, मलिक एहसान और आबिद बॉक्सर थे.
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