(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत के इस राज्य में आज भी है 'पांचाली' वाला कल्चर, सारे भाइयों से होती है एक ही लड़की की शादी
आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी भारत का एक राज्य ऐसा हो जहां पांचाली वाला कल्चर चल रहा है. यहां आज भी एक लड़की की पांच भाइयों से शादी होती है.
हमारे देश में शादी एक पवित्र रिश्ता माना जाता है, जहां एक महिला एक पुरुष के साथ अपने वैवाहिक जीवन के शुरुआत करती है, लेकिन क्या हो जब एक महिला की घर के सारे लड़कों से शादी होनी हो? जी हां, ये सच है. हमारे देश का एक राज्य ऐसा है जहां आज भी पांचाली प्रथा का पालन किया जाता है. तो चलिए इस प्रथा और शादी के बारे में जानते हैं.
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क्या है पांचाली विवाह?
आपने पांचाल की राजकुमारी पांचाली और पांडवों के बारे में जरुर सुना होगा. जब अर्जुन स्वयंवर में पांचाली को ब्याह कर घर लाए थे तो उनकी मां कुंती के मुख से गलती से ये निकल गया था कि जो भी लाए हो सारे भाई आपस में मिलकर बांट लो. ऐसे में पांचाल की राजकुमारी को पांचो पांडवों से शादी करनी पड़ी थी. इसी प्रथा का नाम पांचाली प्रथा रख दिया गया. जहां एक महिला कई पुरुषों से शादी करती है. वैसे तो ये प्रथा भारतीय महाद्वीप के कई आदिवासी समूहों में पाई जाती थी, लेकिन फिलहाल भारत की एक जगह ऐसी ही जहां आज भी इसका पालन किया जाता है. जी हां, हम भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश के किन्नौर की बात कर रहे हैं.
यहां चलता है पांचाली विवाह
हम हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की बात कर रहे हैं. यहां मौजूद किन्नौरी समुदाय में ‘पांचाली विवाह’ या बहुपति विवाह एक प्रचलित प्रथा है. जिसमें एक महिला की घर के सभी भाईयों से शादी होती है.
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क्या है पांचाली विवाह का इतिहास?
दरअसल किन्नौर में पांचाली विवाह की शुरुआत मानी जाती है. इसके पीछे कई कहानियां बताई जाती हैं. कुछ लोगों का मानना है कि प्राचीन समय में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इस प्रथा की शुरुआत हुई थी. दरअसल खेतों में काम करने के लिए उस समय ज्यादा से ज्यादा पुरुषों की जरुरत हुआ करती थी तो वहीं महिलाओं को घर और बच्चों को संभालना होता था. ऐसे में ये सभी काम आसान हो जाएं, ऐसे में माना जाता है कि महिला के कई पति होने से काम आसान हो जाता था. इसलिए इस प्रथा की शुरुआत हुई. वहीं एक कहानी ये है कि द्रौपदी के पांच विवाह होने के बाद से ही वहां इस प्रथा का पालन किया जा रहा है.
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