दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को 500 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई. जिसके बाद अब राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 1,300 हो गई है. बता दें कि इन बसों में सीसीटीवी, लाइव ट्रैकिंग, पैनिक बटन समेत नई तकनीक हैं. यात्रियों की सुविधा और खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में पैनिक बटन जैसी सुविधाएं दी गई है. आज हम बताएंगे कि आपात स्थिति पैनिक बटन किस तरह काम करता है. वहीं आपात स्थित में पुलिस और कंट्रोल रूम कैसे यात्रियों की मदद करेगी.  



पैनिक बटन



बस में यात्रा करने के दौरान कोई भी यात्री अगर असहज महसूस करता है, तो वह पैनिक बटन दबा सकता है. यात्री द्वारा पैनिक बटन दबाने के तुरंत बाद बटन का इंडिकेशन बस के ड्राइवर/कंडक्टर और साथ ही कश्मीरी गेट स्थित कंट्रोल एंड कमांड रूम में लाइव फीड शुरू हो जाएगी. इस फीड को पुलिस भी एक्सेस करके, तुरंत कार्रवाई कर सकेगी. इतना ही नहीं पैनिक बटन दबाने के बाद कंट्रोल रूम में उस बस की लाइव लोकेशन दिखनी शुरू हो जाएगी, जिससे कमांड रूम उस बस को ट्रैक कर सकता है. बता दें कि पैनिक बटन लगने से बसों में किसी प्रकार की दुर्घटना, छेड़छाड़ जैस अपराध पर रोक लगेगी. इसके अलावा खासकर महिला यात्रियों को सुरक्षा मिलेगी. 



प्रदूषण होगा कम



इलेक्ट्रिक बसों के आने से प्रदूषण भी कम होगा. बता दें कि राजधानी दिल्ली में सर्दियों के वक्त प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. जानकारी के मुताबिक एक सीएनजी बस प्रति किलोमीटर 800 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करती है। ऐसे स्थिति में इलेक्ट्रिक बसों के आने से प्रदूषण कम होगा और आम जनता को राहत मिलेगी. 


 


इलेक्ट्रिक बसों में कई नई तकनीक 


इलेक्ट्रिक बसों में कई नई तकनीक मौजूद है. जिससे खासकर महिला यात्रियों को सुविधा होगी. जानकारी के मुताबिक बसों में सीसीटीवी, लाइव ट्रैकिंग, पैनिक बटन समेत नई तकनीक हैं. सीसीटीवी और लाइव ट्रैकिंग का पूरा कंट्रोल कश्मीरी गेट स्थित कंट्रोल एंड कमांड रूम में होगा. इससे आपात स्थिति में यात्रियों को तुरंत सहायता मिलेगी.