पेरिस ओलंपिक शुरूआत के बाद से ही खेलों के अलावा अलग-अलग कारणों से चर्चा में रहा है. अब ताजा मामला अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ के जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट से जुड़ा हुआ है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट क्या होता है और ओलंपिक में इसकी चर्चा जोर शोर से क्यों हो रही है. क्या सच में कोई पुरुष खिलाड़ी महिला बॉक्सर बनकर खेल में हिस्सा लिया है. 


पेरिस ओलंपिक


इस बार ओलंपिक खेलों का आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रहा है. दुनियाभर के देशों से खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लिया है. ओलंपिक के शुभारंभ के साथ ही अलग-अलग कारणों इस बार पेरिस ओलंपिक 2024 चर्चा में बना हुआ है. अब ताजा मामला अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ के जेंडर से जुड़ा हुआ है. 


क्या है मामला


बता दें कि 25 साल की बॉक्सर इमान खेलीफ महिलाओं की वेल्टरवेट इवेंट में हिस्सा ले रही हैं. राउंड ऑफ 16 के मुकाबले में खेलीफ का मुकाबला इटली की एंजेला कैरिनी से हुआ. लेकिन कैरिनी ने 46 सेकेंड में ही मैच को छोड़ने का फैसला कर लिया था, दरअसल खेलीफ के तेज मुक्का के कारण कैरिनी ने मैच को छोड़ने का फैसला किया. लेकिन अब सारा विवाद खेल का नहीं बल्कि इमान खेलीफ के जेंडर को लेकर हो रहा है . 


जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट


बता दें कि 2023 महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पहली बार खेलीफ के लिंग को लेकर बड़ा विवाद हुआ था. उस वक्त नई दिल्ली में आयोजित इस चैंपियनशिप में आईबीए अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने खेलीफ को भाग लेने से रोक दिया था. क्रेमलेव ने इसको लेकर कहा था कि डीएनए टेस्ट के आधार पर हमने ऐसे कई एथलीटों की पहचान की है, जिन्होंने खुद को महिला बताकर अपने विपक्षी को धोखा देने की कोशिश की है. टेस्ट के रिजल्ट के मुताबिक यह साबित हो गया है कि उनके पास XY क्रोमोसोम यानी पुरुष क्रोमोसोम है.


क्या है जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट


जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट के जरिए लिंग की पहचान की जाती है. इस टेस्ट के लिए सरकारी परमिशन की जरूरत होती है, इसके बाद ही ये किया जा सकता है. बता दें कि जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट के जरिए पता चल जाता है कि सामने वाले व्यक्ति के अंदर कौन सा क्रोमोसोम है. अगर जांच में XY क्रोमोसोम आता है यानी वह पुरुष है. जबकि XX क्रोमोसोम आने पर माना जाता है कि वह महिला है. 


कौन हैं इमान खेलीफ?


ओलंपिक में भाग लेने वाली 25 वर्षीय खेलीफ अल्जीरिया के टियारेट शहर से आती हैं. इसके अलावा वो अभी यूनिसेफ की ब्रांड एंबेसडर भी हैं. हालांकि उनके पिता लड़कियों के लिए मुक्केबाजी को सही नहीं मानते थे, लेकिन खेलीफ दुनिया के सबसे बड़े मंच पर गोल्ड मेडल जीतकर नई पीढ़ी को प्रेरित करना चाहती थीं. खेलीफ ने अपने मुक्केबाजी करियर की शुरुआत 2018 विश्व चैंपियनशिप से की थी, जहां वे 17वें स्थान पर थी. वहीं 2021 टोक्यो ओलिंपिक में खेलीफ क्वार्टर फाइनल में आयरलैंड की केली हैरिंगटन से हार गई थीं. इसके अलावा महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में खेलीफ को एमी ब्रॉडहर्स्ट से हारकर दूसरा स्थान मिला था. लेकिन 2022 में खेलीफ ने अफ्रीकी चैंपियनशिप में गोल्ड पर कब्जा जमाया था.


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