दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट कौन सा है?. हालांकि कुछ लोग इस सवाल को पढ़ते ही कहेंगे कि इसका जवाब कुछ और नहीं बस पार्ले-जी ही हो सकता है. ये सच है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट पार्ले-जी है. आज हम आपको बताएंगे कि एक दिन में कितने लोग पारले जी बिस्किट खाते हैं और इस देसी ब्रांड का जन्म कैसे हुआ था.
एक दिन में कितने लोग खाते हैं पार्ले-जी ?
पार्ले जी इस दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्कुट है. जानकारी के मुताबिक हर सेंकेंड करीब 4451 लोग पार्ले जी खाते हैं. हालांकि ये आंकड़ा घटता और बढ़ता रहता है. कुछ आंकड़ों के मुताबिक हर महीने पारले- जी के लगभग 1 बिलियन पैकेट बनाए जाते हैं.
कैसे मिला कंपनी को नाम?
पार्ले जी की शुरुआत आजादी के संघर्ष के दौरान स्वदेशी आंदोलन के बीच हुआ था. जब देशवासियों ने स्वतंत्रता सेनानियों ने विदेशी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया था. मोहनलाल दयाल ने इसकी पहली फैक्ट्री स्थापित की थी. इसके लिए जर्मनी से उस समय 60,000 रुपये की मशीनें आई थी, उस वक्त फैक्ट्री में 12 लोगों से काम की शुरुआत हुई थी. इसके बाद 1938 में यह बिस्किट दुनिया के सामने आया था. ऐसा माना जाता है कि कंपनी के मालिक इसके परिचालन में इतने व्यस्त थे कि कंपनी का नाम ही रखना भूल गए थे. माना जाता है कि कंपनी की स्थापना विले पार्ले में हुई थी, इसलिए इसे पार्ले ही नाम दिया गया था. वहीं पहले इसका नाम पार्ले ग्लूको था. कंपनी इसे ग्लूकोज से भरपूर बताकर मार्केटिंग कर रही थी. हालांकि बाद में नाम को बोलने में आसान करने के लिए ग्लूको को जी कर दिया गया था.
कौन है पैकेट पर बनी बच्ची?
शुरूआत में लोग कहते थे कि यह बच्ची कोई और नहीं बल्कि इन्फोसिस की शुरुआती निवेशक और संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति हैं. हालांकि बाद में प्रोडक्ट्स के प्रोडक्ट ग्रुप मैनेजर मयंक शाह ने बताया कि ये लड़की की तस्वीर प्रतिभाशाली आर्टिस्ट मगनलाल दहिया ने अपनी कल्पना से 1960 में बनाया था.
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