मुंबई की इस मेट्रो में होता है पैसेंजर्स का बीमा, दिल्ली मेट्रो में इंश्योरेंस का क्या है नियम?
Passengers insurance: अगर आप किसी मेट्रो सिटी में रहते हैं तो आपने मेट्रो से सफर जरूर किया होगा. क्या आपको पता है की मेट्रो में यात्रा के दौरान व्यक्ति को इंश्योरेंस कवर भी मिलता है?
Passengers Insurance: मेट्रो सिटीज के बारे में आपने सुना होगा. उसकी खासियत भी देखी होगी. हो सकता है कि जब आप यह खबर पढ़ें तो आप किसी मेट्रो सिटी में रह रहे हो. यह भी हो सकता है कि किसी मेट्रो में सफर कर रहे हों. लेकिन क्या आपको पता है कि जिस मेट्रो में आप सफर कर रहे हैं, वह मेट्रो आपको इंश्योरेंस कवर भी प्रदान करता है. मुंबई मेट्रो हो या दिल्ली मेट्रो दोनों की तरफ से उसमें सफर करने वाले यात्रियों को इंश्योरेंस की सुविधा दी जाती है. कितने रुपए की यह सुविधा होती है? किसी भी आपात स्थिति में व्यक्ति को कितना फायदा मिलता है? आज की स्टोरी में पूरा डिटेल हम आपको बताने वाले हैं. मुंबई मेट्रो में क्या नियम है? और दिल्ली मेट्रो में कितने रुपए का कवर प्रदान किया जाता है? चलिए शुरुआत करते हैं.
मुंबई मेट्रो में क्या है रूल?
मुंबई मेट्रो की लाइन 2ए और 7 पर यात्रियों के लिए बीमा पॉलिसी है. यह पॉलिसी अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं, विकलांगता और मृत्यु को कवर करती है. पॉलिसी में रोगी के उपचार के लिए 10,000 रुपये और अस्पताल में भर्ती होने के लिए 100,000 रुपये का अधिकतम कवरेज मिलता है. स्थिति की गंभीरता के आधार पर पॉलिसी स्थायी और आंशिक विकलांगता के लिए 4 लाख रुपये तक प्रदान करती है. आकस्मिक मृत्यु के लिए पॉलिसी 500,000 रुपये तक का कवर प्रदान करती है. पॉलिसी वैध टिकट, पास, स्मार्ट कार्ड या क्यूआर कोड वाले यात्रियों को कवर देती है.
दिल्ली मेट्रो के लिए क्या है नियम?
दिल्ली मेट्रो में बीमा वार्षिक प्रीमियम पर उपलब्ध है. मृत्यु बीमा के रूप में 1 लाख रु. का कवर मिलता है. बीमा दिल्ली मेट्रो में दुर्घटना के कारण हुई चोटों को भी कवर करता है. इसमें स्थायी या अस्थायी विकलांगता शामिल हो सकती है, जिससे अचानक आय की हानि हो सकती है. इस परिस्थिति में आप साप्ताहिक मुआवजा का कवर प्राप्त कर सकते हैं. यह पॉलिसी समाप्त होने तक 2,000 रु. दिल्ली मेट्रो रेलवे (संचालन और रखरखाव) अधिनियम, 2002 में कहा गया है कि मेट्रो रेलवे प्रशासन मृत्यु से होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होगा. दिल्ली मेट्रो के मेडिकल अटेंडेंस नियमों में कहा गया है कि लंबे समय तक इलाज के मामले में डीएमआरसी मेडिकल अटेंडेंस नियमों पर मास्टर सर्कुलर के पैरा 6.2 और 6.4 के तहत कवर की गई बीमारी के लिए परामर्श शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
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