असली और नकली का खेल आज हर चीज में है. मिलावटखोरों ने ऐसी कोई भी चीज नहीं छोड़ी है जिसे लेकर ये कहा जा सके कि ये शुद्ध होती है. यहां तक की शराब और बियर में भी आज जमकर मिलावट की जा रही है. इसलिए आज हम आपको बताने वाले हैं कि आप असली बियर की पहचान कैसे कर सकते हैं. खासतौर से एक मुंगफली के दाने से. चलिए आज आपको इस आर्टिक हम आपको यही ट्रिक बताएंगे, इसके साथ ही ये भी बताएंगे कि आखिर इसके पीछे कौन सी साइंस काम करती है.


बियर में नाचने लगती है मूंगफली?


कहा जाता है कि अगर आपने एक गिलास भर कर बियर ली है और वो असली है तो इसमें मूंगफली का एक दाना डालते ही वो नाचने लगेगा. नाचने से तातपर्य है कि वह बियर की सतह पर इधर उधर भागने लगेगा. लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है. इसके पीछे एक खास तरह की साइंस काम करती है, जो बिल्कुल वैसी ही होती है जैसे की धरती के अंदर से मिनरल्स निकालते समय होती है.


बियर के सतह पर क्यों नाचती है मूंगफली?


इस सवाल का जवाब वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है. रिपोर्ट्स का माने तो इस पर शोध करने का सबसे पहले ख्याल अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में वैज्ञानिकों को आया. यहां बार टेंडर बियर के गिलास में मूंगफली के दाने डाल देते थे और जैसे ही वो उसमें गिरतीं वो नाचने लगतीं. पहले तो ये मूंगफलियां बियर के अंदर डूब जातीं, लेकिन फिर वापिस से ऊपर आ जातीं और बियर की सतह पर इधर उधर भागने लगतीं.


कार्बन डाइऑक्साइड है वजह


एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये सब कुछ कार्बन डाइऑक्साइड की वजह से होता है. दरअसल, बियर को जब गिलास में डाला जाता है तो उसमें कार्बन डाइऑक्साइड के ढेर सारे बुलबुले बनते हैं. इन बुलबुलों में हवा का दबाव कम होता है, इसलिए जैसे ही बियर के गिलास में मूंगफली डाली जाती है कार्बन डाइऑक्साइड के बुलबुलों की वजह से वो बियर की ऊपरी सतह पर आ जाते हैं और फिर उसी के प्रेशर की वजह से इधर से उधर नाचने लगते हैं. ये प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि बियर के गिलास में से कार्बन डाइऑक्साइड खत्म नहीं हो जाती.


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