Mysterious Islands: धरती पर आज भी ऐसी कई जगहे हैं जहां इंसान नहीं जा सकते, जिसकी वजह कोई और नहीं बल्कि इंसान ही हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां इंसानों का जाना मना है. इनकी वजह भी काफी दिलचस्प है.


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सेंटिनल द्वीप पर जाने से डरते हैं दुनियाभर के लोग


बता दें नार्थ सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान द्वीप समूह का एक द्वीप है. ये दक्षिण अंडमान जिले में आता है. हालांकि यहां जाने की इजाजत किसी को नहीं है. दरअसल इस द्वीप पर न जाने की वजह यहां रहने वाली जनजाति है, जिनका दुनिया से कोई संपर्क नहीं है. बता दें यह 23 वर्ग मील का एक छोटा-सा द्वीप है, जिसपर 60 हजार सालों से इंसान रह रहे हैं, लेकिन आज तक उनका खान-पान, रहन-सहन दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है.


दिलचस्प बात ये है कि नार्थ सेंटिनल द्वीप पर कोई भी बाहरी इंसान नहीं जा सकता है. भारत सरकार ने यहां की जनजातियों को संरक्षित रखने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह विनियमन, 1956 जारी किया हुआ है. प्रशासन से अलग किसी भी का प्रवेश यहां पर मना है. माना जाता है कि यहां रहने वाले लोग परदेसियों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार करते हैं.


हजारों साल से अलग-थलग रह रही है ये जनजाति


गौर करने वाली बात ये है कि यह द्वीप अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से महज 50 किमी दूर है. इसपर सेंटिनली जनजाति रहती है और इन्होनें आज तक किसी भी बाहरी हमले का सामना नहीं किया है. इन लोगों का कद कम होता है. रिसर्च में हुई कॉर्बन डेटिंग के जरिए ये पता चला था कि यह जनजाति 2,000 से यहां रह रही है. चुनिंदा लोगों ने ही यहां के लोगों को देखा है. यदि कोई व्यक्ति इन लोगों से बात करने की भी कोशिश करता है तो यहां रहने वाली जनजाति इसे पसंद नहीं करती और उस व्यक्ति पर हमला कर देती है. 


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इन द्वीपों पर भी नहीं जा सकते आम इंसान


नॉर्थ सेंटिनल द्वीप के अलावा, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में कई अन्य द्वीप हैं जहां आदिवासी रहते हैं। इनमें से कुछ द्वीपों पर भी बाहरी लोगों का जाना प्रतिबंधित है. इसके अलावा अमेजन वर्षावन में कई ऐसे द्वीप हैं जहां आदिवासी रहते हैं. ये आदिवासी भी बाहरी दुनिया से अलग-थलग रहना पसंद करते हैं.                                                                           


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