मौत के बाद शव को काटकर खा जाते हैं यहां के लोग, रौंगटे खड़े कर देगी ये अजीब प्रथा
दुनियाभर में अंतिम संस्कार को लेकर अजीब-अजीब प्रथाएं होती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं.
मरने के बाद दुनिया के हर अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग तरह से लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है. वहीं कुछ जगहों पर अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया ऐसी होती है जो सुनने में भी अजीब लगती है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि एक जगह ऐसी भी है जहां मरने के बाद उस व्यक्ति का शव काटकर लोग खा जाते हैं. चलिए आज हम इस अजीब प्रथा के बारे में जानते हैं.
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यहां अंतिम संस्कार के बाद व्यक्ति का शरीर काटकर खा जाते हैं लोग
किसी अपने की मौत हर व्यक्ति के लिए दुख का कारण होती है. ऐसे में उसके मरने के बाद रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कर उसकी आत्मा को शांति पहुंचाई जाती है. अंतिम संस्कार का ये तरीका हर जगह अलग-अलग होता है. कुछ जगहों पर अंतिम संस्कार के तरीके सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि एक जगह ऐसी भी है जहां अंतिम संस्कार के समय लोग उस व्यक्ति का शव काटकर खा जाते हैं. जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं.
दरअसल ये इंडो-यूरोपीय इलाकों में अपनाई जाने वाली 8 साल पुरानी प्रथा है. इस प्रथा में मरने के बाद लोग शवों को काटकर खा जाते हैं.
सड़ाकर खाते हैं शव!
कुछ जगहें तो ऐसी हैं जहां लोग शवों को सड़ाकर खाते हैं. कुछ लोग तो पहले इन शवों को सड़ाते हैं और फिर उस समय तक सड़ाते हैं जब तक इस शरीर से पानी जैसा तरल पदार्थ ना निकलने लगे. सुनने में काफी अजीब लगने वाली प्रथा आज भी निभाई जाती है. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि ये प्रथा इसलिए निभाई जाती है ताकि इस तरह पदार्थ से शराब बनाई जा सके और अपने प्रियजनों की याद में उसे पिया जा सके.
बता दें इंडो-यूरोपीय इलाकों में यह प्रथा खासतौर पर ग्रामीण और आदिवासी समुदायों में प्रचलित है. इसके जैसी प्रथाएं दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी देखी जा सकती हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शव खाने की प्रक्रिया को स्वास्थ्य और स्वच्छता की दृष्टि से अच्छा नहीं माना जाता है. कुछ शोध बताते हैं कि यह प्रथा पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अच्छी हो सकती है, क्योंकि यह प्राकृतिक चक्र का हिस्सा बनती है.
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