भारत समेत सभी देशों के नागरिकों की औसत हाइट अलग-अलग होती है. लेकिन आज के वक्त पुरुष और महिलाएं दोनों ही चाहते हैं कि उनकी हाइट औसत रहे, जिससे दिखने में वो अच्छे लगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे लंबे लोग किस देश में पाए जाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस देश में लोगों की औसत हाइट अधिक होती है. 


हाइट लंबी 


आज के वक्त अधिकांश लोग चाहते हैं कि उनकी हाइट अच्छी होनी चाहिए. जहां भारत में एक तरफ महिलाएं चाहती हैं कि उनकी हाइट 5 फीट 4 इंच रहे और पुरुष चाहते हैं कि उनकी हाइट 5 फीट 10 से अधिक होनी चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के किस देश के लोग सबसे अधिक लंबे हैं? बता दें कि नीदरलैंड दुनिया का ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा लंबे लोग पाए जाते हैं. यहां के लोगों की औसत लंबाई 184 सेंटीमीटर यानी करीब 6.03 फिट के आसपास है. वहीं 18वीं शताब्दी तक नीदरलैंड और यूरोप के ज्यादातर देशों के लोगों की औसत लंबाई 165 सेंटीमीटर हुआ करती थी. हालांकि पिछले 200 सालों में डच लोगों की लंबाई औसतन 15 सेंटीमीटर बढ़ी है. 


बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक नीदरलैंड की महिलाओं की औसत लंबाई 168.5 सेंटीमीटर (5.52 फीट) होती है, वहीं पुरुषों की लंबाई 184 सेंटीमीटर तक होती है. हालांकि कुछ दशक पहले तक अमेरिका के लोग दुनिया में सबसे लंबे माने जाते थे. लेकिन अब नीदरलैंड ने इन्हें पछाड़ दिया है. अमेरिकी पुरुषों की औसत लंबाई 177.2 सेंटीमीटर (5.8 फीट) होती है, वहीं महिलाओं की लंबाई 163.25 सेंटीमीटर (5.3 फीट) तक होती है.


पहले नीदरलैंड के लोग थे छोटे


रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन के मुताबिक नीदरलैंड के मामले में हमेशा से ऐसा नहीं था. जानकारी के मुताबिक 18वीं शताब्दी तक नीदरलैंड के लोग लंबाई के मामले में दुनिया के सबसे छोटे लोगों में गिने जाते थे. लेकिन पिछले 200 सालों में कुछ अप्रत्याशित हुआ है. जिस कारण नीदरलैंड के लोगों ने अमेरिकियों को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे लंबे इंसान का तमगा अपने नाम कर लिया है.


सबसे लंबा होने के पीछे क्या कारण


नीदरलैंड के लोगों की लंबाई पर स्टडी करने वाले कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ लेथब्रिज के प्रोफेसर लुईस बैरेट कहते हैं कि डच लोगों की हाइट बढ़ाने में जेनेटिक्स का रोल तो है ही, लेकिन सबसे बड़ा रोल खाने-पीने और क्वालिटी लाइफ का है. पिछले कुछ दशकों में नीदरलैंड में लिविंग स्टैंडर्ड बदला है. वहीं संक्रामक बीमारियों से होने वाली मौतों का आंकड़ा घटा है और लोग खान-पान को लेकर बहुत सतर्क हुए हैं.


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