ओशो के आश्रम में लोगों का शरीर क्यों सूंघा जाता था, आखिर क्या थी इसके पीछे की वजह
भारत में ऐसे कई आश्रम है, जो बहुत ज्यादा ख्यातिप्राप्त है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओशो ने जब पुणे में अपना आश्रम बनाया था, तो वहां पर जाने शिष्यों को सूंघा जाता था. इसके लिए अलावा उनके आश्रम में गर्भवती महिलाओं का प्रवेश निषेध था. आज हम आपको बताएंगे कि इसके पीछे क्या कारण था.
ये थी वजह
जानकारी के मुताबिक पुणे आने के कुछ साल बाद ओशो को तमाम बीमारियों ने घेर लिया था. ओशो को खासकर एलर्जी और अस्थमा से बड़ी दिक्कत होती थी. इसी दौर में उन्हें डायबिटीज भी हो गया था. ओशो की सचिव रहीं मां आनंद शीला अपनी किताब में लिखती हैं कि ओशो को परफ्यूम से एलर्जी थी और जब अस्थमा हुआ तो यह एलर्जी और बढ़ गई थी. उस वक्त ओशो आश्रम में सेंट और परफ्यूम लगाकर आने वाले शिष्यों को रोका जाने लगा था. लेकिन इसके बावजूद बहुत शिष्य परफ्यूम लगाकर पहुंच जाते थे, जिससे ओशो को समस्या होती थी. इसलिए नई व्यवस्था बनाई गई थी. इसके तहत आश्रम में घुसने से पहले हर शिष्य के कपड़े उतरवाकर उसके शरीर को सूंघा जाता था. परफ्यूम लगाकर आने वाले व्यक्तियों को अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता था. मां आनंद शीला लिखती हैं कि यह बहुत अजीब था, लेकिन ओशो को एलर्जी से बचाने के लिए ऐसा करना पड़ता था.
आश्रम
पुणे स्थित आश्रम शुरुआत में बहुत छोटी जगह थी. लेकिन जब खासकर विदेशी शिष्यों की तादाद बढ़ने लगी थी, उसके बाद आश्रम 25000 वर्ग मीटर का हो गया था. इतना ही नहीं पुणे के आश्रम में दुनियाभर के डॉक्टर और नर्सों को लाया गया था. इसके अलावा शिष्यों के रहने-खाने का इंतजाम किया गया था. ओशो की मां आनंद शीला अपनी किताब में लिखती हैं कि आश्रम के लिए जो जमीन ली गई थी, वो भी कम पड़ती थी.
गर्भवती महिलाओं के रहने पर मनाही
जानकारी के मुताबिक आश्रम छोटा होने के कारण ओशो नहीं चाहते थे कि वहां पर नवजात बच्चों को भी रखा जाए, इसलिए वह अपने महिला शिष्यों को गर्भवती होने से मना करते थे. ओशो ने अपने आश्रम के तमाम पदाधिकारियों को नसबंदी या गर्भ निरोधक ऑपरेशन करवाने को कहा था. इसके अलावा आश्रम के अंदर बच्चा पैदा करने और प्रेग्नेंट होने तक की मनाही थी. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को आश्रम में आने की इजाजत नहीं मिलती थी.
अमेरिकी जेल में 17 दिन
ओशो ने जब अमेरिका के ओरेगन में अपना आश्रम बनाया था, उनके ऊपर वहां के प्रवासी नियमों को तोड़ने का आरोप लगा था. जिसके बाद 17 दिन तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था. इसके बावजूद वह अमेरिकी सरकार की आलोचना करते थे. ओशो ने कहा कि इन बेवकूफों (अमेरिकी सरकार) को मुझे वीजा देने का कोई हक नहीं है.
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