अंग्रेजी में कहावत है. 'ब्यूटी लाइज इन द आईज ऑफ़ बहोल्डर' जिसका मतलब होता है सुंदरता देखने वालों की आंखों में होती है. सही बात है हर इंसान सुंदर होता है बस देखने वाले नजर चाहिए. बात आंखों की हो रही है तू आंखों के भी कई रंग होते हैं. किसी की आंखें काली होती है किसी की आंखें नीली होती हैं किसी की हरी होती है. हिंदुस्तान में कितने प्रकार नहीं मिलते आंखों के. आम तौर पर जो लोग होते हैं उनकी आंखें काली होती हैं या भूरी होती हैं. भूरी आंखों वाले लोगों को लेकर कहा जाता है कि उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए. ऐसा क्यों कहा जाता है और रिसर्च क्या कहती है इसे लेकर. जानते हैं इस ख़बर में.
भूरी आंखों वाले लोग
पूरी दुनिया में 50% लगभग लोग भूरी आंखों के होते हैं. भूरी आंखों वाले लोगों को लेकर बचपन में बड़े बुजुर्ग कहा करते थे कि ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए यह लोग धोखेबाज होते हैं. इस पर अलग-अलग व्यक्तियों की अलग-अलग राय हो सकती है. ऐसा कहा जाता है जिनकी आंखें बुरी होती हैं वह बहुत चालाक होते हैं शातिर लोग होते हैं और इस तरह के लोगों पर भरोसा थोड़ा देखभाल के करना चाहिए बस इसी वजह से यह कहावत चली आ रही है कि यह लोग धोखेबाज होते हैं.
क्या सच में ऐसा है?
प्राग में आंखों को लेकर एक रिसर्च की गई. जिसमें भूरी आंखों वाले लोग और नीली आंखों वाले लोग शामिल थे. इस स्टडी को तीन भागों में बांटा गया था. पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ़ साइंस की स्टडी के पहले हिस्से में आंखों के रंग को लेकर 40 पुरुष और 40 महिलाओं पर टेस्ट हुआ उसमें रिजल्ट यह था की नीली आंखों वालों से ज्यादा भूरी आंखों वाले विश्वासनीय लग रहे थे.
स्टडी के दूसरे भाग में महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग करके अध्ययन किया गया तो इसमें नीली आंखों वाले पुरुष भूरी आंखों वाले पुरुषों की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद थे स्टडी के तीसरे भाग में रिसर्च कर रही टीम ने पुरुष और स्त्रियों के चेहरे वही रख लेकिन उनकी आंखों का रंग बदल दिया इससे परिणाम भी बदल गया अंत में स्टडी में यही पाया गया की आंखों के रंग का विश्वसनीयता से कोई लेना देना नहीं है.
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