पृथ्वी इस ब्रह्मांड का सबसे सुंदर और हरा भरा ग्रह है, जहां जीवन है और जीवन की अताह संभावनाएं हैं. लेकिन इंसान इसे आधुनिकता के नाम पर इतनी तेजी से बर्बाद कर रहे हैं, कि वो दिन दूर नहीं जब इस ग्रह से जीवन की सभी संभावनाएं खत्म हो जाएंगी. चलिए अब आपको बताते हैं पर्माफ्रॉस्ट के बारे में जिसे लेकर वैज्ञानिक सबसे ज्यादा चिंतित हैं.


क्या है पर्माफ्रॉस्ट?


पर्माफ्रॉस्ट एक तरह की जमीन है. ऐसे देखने में तो ये आम जमीन के टुकड़े जैसी होती है, लेकिन असल में ये सदियों पुरानी बर्फ पर तैयार जमीन होती है. यानी अगर आप पर्माफ्रॉस्ट वाली जमीन पर हैं तो इसका मतलब की आपके पैरों के नीचे वाली जमीन के नीचे बर्फ जमी है और ये जिस दिन पिघलेगी आप सीधे पाताल लोक में समा जाएंगे.


कौन से देश इस जमीन पर बसे हैं?


इस खतरनाक जमीन पर दुनिया के कई बड़े देश बसे हैं. इनमें कनाडा, अलास्का, अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड और चीन के कुछ हिस्सा शामिल है. आपको बता दें, ये देश खतरनाक स्थिति में हैं ऐसा इसलिए क्योंकि इनके नीचे की जमीन पृथ्वी के गर्म होने से पिघल रही है. रूस में एक जगह इसकी वजह से ऐसा गड्ढा बना कि पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है. सबसे बड़ी बात कि ये गड्ढा 1940 में दिखा था और इसकी चौड़ाई करीब 0.8 वर्ग किलोमीटर है.


पृथ्वी के लिए कितना खतरनाक है इसका पिघलना


अगर आप ये सोच रहे हैं कि पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से सिर्फ उन देशों को नुकसान होगा जो इस पर बसे हैं तो आप गलत हैं. दरअसल, इस बर्फ के नीजे मेथेन का पूरा भंडार छिपा है. जिस दिन ये जमीन पिघली और इसके अंदर मौजूद चीजों के सड़ने से मेथेन बन तो ये पृथ्वी पर कार्बन की मात्रा को दोगुना कर देगा. ऐसा होने पर पृथ्वी की हर चीज गर्म होने लगेगी और स्थिति इतनी गंभीर हो जाएगी कि लोग जी नहीं पाएंगे.


ये भी पढ़ें: काबुल से शुरू होकर बांग्लादेश के चटगांव तक जाने वाले मार्ग को क्यों कहा जाता है भारत का उत्तरापथ? ये है कहानी