Sleep cycle 5th Stage: यदि नींद प्रॉपर नहीं आ रही है या फिर बीच मेें उठ उठकर सो रहे हैं तो यह बीमार होने का इंडीकेशन हैं. प्रॉपर नींद न लेने पर डिप्रेशन, एंग्जाइटी समस्याएं घर करने लगती हैं. बाद में हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम देखने को मिलती हैं. नींद ऐसे ही नहीं है, झट से लेटे पट से सो गए. नींद का पूरा चक्र(SLEEP CYCLE) होता है. आज इसी चक्र को समझने की कोशिश करते हैं. हलकी नींद कैसे साउंड स्लीप में तब्दील हो जाती है. इस बीच में क्या क्या होता है. सपने किस चरण में आते हैं. 


5 चरण में होती है नींद पूरी
नींद कोई एक या दो नहीं, पूरे 5 चरणों में पूरी होती है. पहली और दूसरी स्टेज लाइट स्लीप, तीसरी और चौथी डीप स्लीप, जबकि पांचवी स्टेज को REM SLEEP कहा जाता है. 


नींद की पहली स्टेज
यह चरण लाइट स्लीप कहते हैं. जिसे आमतौर पर कच्ची नींद कहा जाता है. इस अवस्था में थोड़ी सी भी आवाज होने पर आंखें झट से खुल जाती हैं. इस चरण में आंखों की पुतलियां धीरे धीरे चलती रहती हैं. मसल्स की एक्टिविटीज भी धीमी होने लगती है. 


नींद की दूसरी स्टेज 
पहली स्टेज का चक्र पूरा होने के बाद नींद दूसरे चरण में प्रवेश करती हैं. इसमें ब्रेन गहरी नींद में जाने की तैयारी करने लगता है. इस दौरान आंखों की गति धीमी होने लगती है. बॉडी का तापमान कुछ कम होने लगता है. हार्ट रेट भी पहले की अपेक्षा स्लो होने लगता है. 


नींद की थर्ड स्टेज  
दूसरी स्टेज के बाद अब तीसरे चरण में प्रवेश की बारी होती है. इस अवस्था में ब्रेन गहरी नींद मेें पहुंच चुका है. दिमाग से धीमी धीमी डेल्टा तरंगे निकलना शुरू हो जाती हैं. यह कुछ अन्य तरंगों से जुड़कर दिमाग को और शिथिल बनाने की कोशिश करती हैं. 


नींद की चौथी स्टेज 
चौथी स्टेज में दिमाग गहरी नींद में पहुंच चुका है. इस दौरान दिमाग से निकली तरंगे ब्रेन और अन्य बॉडी को तेजी से शिथिल करना शुरू कर देती है. हार्ट की स्पीड बहुत कम हो चुकी होती हैं. सांसों की स्पीड भी घट जाती हैं. इसी दौरान आप पांचवें चरण की ओर जा रहे होते हो. 


पांचवी और आखिरी स्टेज
यह नींद का आखिरी चरण होता है. इस चक्र को हेल्दी तरीके से पूरा कर लिया जाए तो इसे ही हेल्दी स्लीप कहा जाता है. इस स्टेज को REM SLEEP कहा जाता है. इस स्टेज में आंखें पूरी तरह बंद हो चुकी हैं. सोने वाला व्यक्ति सपने देखने लगता हैं. सपने के कारण आंखों की पुतलियां इधर उधर तेजी से घूमती हैं. करीब 90 मिनट तक यह पीरियड रहता है. हालांकि अधिक उम्र होने पर यह चक्र कम समय का हो जाता है. बच्चे और युवाओं में यह पीरियड अधिक होता है.