कहते हैं पालतू डॉग इंसानों के सबसे ज्यादा वफादार दोस्त होते हैं. हालांकि, नई रिसर्च के मुताबिक यह दोस्त आपके डिप्रेशन, तनाव और परेशानी को भी अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा पहले समझ लेते हैं. दरअसल, इनमें सूंघने की अति संवेदनशील क्षमता होती है. यही वजह है कि वह अपने मालिक के पसीने को और उसके सांसो को सूंघ कर उसकी बेचैनी का पता लगा लेते हैं. आज इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर पालतू डॉग और क्या-क्या समझ लेते हैं.
क्या कहती है रिसर्च
बेलफास्ट की क्वींस यूनिवर्सिटी की तरफ से हुई एक रिसर्च में पाया गया कि पालतू कुत्ते अपने मालिक के पसीने और उसकी सांसों को सूंघ कर पता लगा लेते हैं कि उनका मालिक किसी तनाव से गुजर रहा है या वह डिप्रेशन में है. इस रिसर्च में 36 लोगों को शामिल किया गया था.
कुत्तों को इसके लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है
कई जगह पर अब कुत्तों को इसके लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है. दरअसल, बम और मादक पदार्थ जैसे चीजों को सूंघने की ट्रेनिंग कुत्तों को पहले ही दी जा चुकी है और इनका इस्तेमाल भी खूब हो रहा है. एयरपोर्ट से लेकर एनकाउंटर तक में कुत्तों के इसी ट्रेनिंग का फायदा उठाकर अपराधियों को पकड़ा जाता है. लेकिन अब ऐसे ही कुत्तों को इंसानों के स्ट्रेस और उनके डिप्रेशन को पहचानने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग में इंसानों के पसीने को कट्ठा किया जाता है और फिर उन्हें ट्रेन्ड डॉग्स के सामने रखा जाता है, उसके बाद वह उन सभी सैंपल्स में से सिर्फ उन्हें ही चुनते हैं जो वाकई में परेशान या फिर तनाव से ग्रसित होते हैं.
इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त माने जाते हैं
डॉग्स इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त माने जाते हैं. यह दोस्ती आज से नहीं बल्कि सदियों से बनी हुई है. महाभारत में भी धर्मराज युधिष्ठिर के साथ अगर कोई गया तो वह उनका पालतू कुत्ता था. आज भी पूरी दुनिया में लोग अगर किसी जानवर को सबसे ज्यादा पालने की कोशिश करते हैं तो वह कुत्ते ही होते हैं. सोशल मीडिया पर आपने कई वीडियो देखे होंगे जिनमें कुत्ते के मालिक का ख्याल रखते नजर आते हैं. हालांकि, कुछ ऐसी घटनाएं भी हाल फिलहाल में हुई हैं जिनमें पालतू कुत्तों के जरिए ही मालिक की मौत हुई है. लेकिन यह सब कुछ डिपेंड करता है कि आप अपने पेट को किस तरह से एडिट करते हैं और ट्रेंड करते हैं.
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