क्या सच में पालतू जानवर बन रहे आपकी बीमारी का कारण? नई रिसर्च में हुए हैरान कर देने वाले खुलासे
रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, जानवरों में पाए जाने वाले जिवाणुओं से इंसानों में संक्रामक रोग फैलते हैं. इस रिसर्च में कहा गया कि बेसिलस एंथ्रेसिस एक तरह का जिवाणु है जो जानवरों में घातक बीमारी फैलाता है.
शहरों में पालतू जानवरों का चलन तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर कुत्ते और बिल्लियों को पालने का. हालांकि, इंसान सदियों से जानवरों को पालता रहा है. लेकिन गावों में वो उनसे एक उचित दूरी बना कर रखता है. जैसे गांव में अगर किसी के घर में गाय, भैंस, बकरी, भेंड पले हैं तो वो उन्हें अपने कमरे में या बिस्तर में नहीं लाता. बल्कि घर के बाहर उनके लिए एक व्यवस्थित जगह होती है, जहां वो रहते हैं.
ऐसे में जानवरों से होने वाली बीमारियों से इंसान बचे रहते हैं. लेकिन कुत्ते और बिल्लियों के साथ ऐसा नहीं है. शहरों में लोग इन्हें अपने बच्चों की तरह पालते हैं. यहां तक कि इन्हें अपने बिस्तर में सुलाते भी हैं. ऐसे में इन जानवरों से बीमारी फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इसी पर हुई एक नई रिसर्च में कई बातें निकल कर सामने आई हैं. चलिए आपको इस रिसर्च रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्या कहती है डायसन ग्लोबल डस्ट की रिपोर्ट
हाल ही में डायसन ग्लोबल डस्ट ने पालतू जानवरों पर एक रिसर्च की. इस रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय लोग जो पालतू जानवर रखते हैं वो अपने पेट्स की साफ सफाई, उनकी बीमारियों और उन पर पाए जाने वाले वायरस को लेकर काफी जागरूक होते हैं. लेकिन पालतू जानवरों और घर की रोज साफ सफाई के मामले में 4 में से एक भारतीय ही इसे प्रायोरिटी के तौर पर देखता है. इसकी वजह से कई बार पहले जानवर बीमार होते हैं और फिर उनकी वजह से ये बीमारी इंसानों में पहुंच जाती है.
बेसिलस एंथ्रेसिस पेट्स में घातक बीमारी फैलता है
MDPI ओपन एक्सेस में छपी एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, जानवरों में पाए जाने वाले जिवाणुओं से इंसानों में संक्रामक रोग फैलते हैं. इस रिसर्च में कहा गया कि बेसिलस एंथ्रेसिस एक तरह का जिवाणु है जो जानवरों में घातक बीमारी फैलाता है. इस जिवाणु का आकार एक रॉड की तरह होता है.
इससे जानवरों में एंथ्रेक्स नाम की एक बीमारी फैलती है. सबसे बड़ी बात की इस बीमारी से सक्रमित किसी जानवर से अगर किसी इंसान का संपर्क होता है तो ये बीमारी इंसानों को भी संक्रमित कर देती है. इस रिसर्च में पालतू जानवरों के बालों, रूसी और त्वचा के कणों पर ज्यादा बात की गई है. इसमें कहा गया है कि ये प्रदूषक पालतू जानवरों के मालिकों और पालतू जानवरों के आसपास के बच्चों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं.
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