Physical Activity: घर में अपने आसपास अक्सर आपने लोगों को दूसरों को ये नसीहत देते सुना होगा कि वो जितना ज्यादा काम करेंगे शरीर उतना ही स्वस्थ रहेगा. लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि ज्यादा काम करने वाले या फिर फिजिकली तौर पर ज्यादा एक्टिव रहने वाले व्यक्ति की सहन शक्ति कम फिजिकल एक्टिव व्यक्ति से ज्यादा होती है. लेकिन अब एक बड़े स्तर पर हुई स्टडी भी इस बात की पुष्टि करती है. स्टडी के मुताबिक, फिजिकल तौर पर ज्यादा एक्टिव होना दर्द सहन करने की क्षमता को बढ़ाता है. 


ज्यादा एक्टिव रहने वालो की सहन शक्ति होती है ज्यादा


अध्ययन के मुताबिक, फिजिकल एक्टिविटी और दर्द सहन करने की शक्ति एक दूसरे से संबंधित हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस शोध में कम एक्टिव रहने वाले लोग जब फिजिकल तौर पर एक्टिव हुए तो उनके दर्द सहन करने की क्षमता बढ़ गई. PLOS वन में प्रकाशित यह अध्ययन यूट्रोमोसो के निवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ नॉर्थ नॉर्वे में काम करने वाले एंडर्स एर्नेस और उनकी टीम ने किया है. शोध के बाद इस बात की पुष्टि की गई है कि फिजिकली ज्यादा एक्टिव रहना गहरे और लंबे दर्द से निपटने की क्षमता को बढ़ाता है.


10 हजार लोगों पर हुआ शोध


शोधकर्ताओं ने ट्रोमसो स्टडी में भाग लेने वाले नॉर्वे के 10732 एडल्ट लोगों का डेटा इकट्ठा किया. दरअसल, नॉर्वे में समय-समय पर कुछ सर्वे किए जाते हैं, जिन्हे ट्रोमसो स्टडी कहा जाता है. शोधकर्ताओं ने अपने शोध के लिए इसी के डाटा का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद उन्होंने धारणा की पुष्टि की है.


चिकित्सकीय प्रयोगों में मिलेगी मदद


शोध में शामिल किए प्रतिभागियों के आंकड़ों से शोधकर्ताओं को उनकी शारीरिक गतिविधियों के आधार पर उनके दर्द की सहने की क्षमता की जानकारी मिली. हर प्रतिभागी की सहन शक्ति को एक खास टेस्ट से आंका गया. इस टेस्ट में प्रतिभागियों को अपना हाथ ठंडे पानी में डुबाकर रखना था. दो चरणों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि एक्टिव लाइफस्टाइल वाले लोगों में दर्द सहने की ज्यादा शक्ति होती है. इस शोध के नतीजों से आने वाले समय में चिकित्सकीय प्रयोगों और ट्रीटमेंट के विकास में काफी मदद मिल सकती है. 


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